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कंपनियों को बताना होगा- विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए! उपभोक्ताओं को होगा ये फायदा

टीवी और रेडियो विज्ञापनों के मामले में स्व-घोषणा प्रमाणपत्र को ‘ब्रॉडकास्ट सेवा’ पोर्टल पर और प्रिंट, डिजिटल और इंटरनेट विज्ञापनों के लिए भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की वेबसाइट पर डालना होगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 03, 2024 11:06 pm IST, Updated : Jun 03, 2024 11:06 pm IST
misleading advertising- India TV Paisa
Photo:FILE भ्रामक विज्ञापन

सरकार ने सोमवार को सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों से स्व-घोषणा प्रमाणपत्र जमा करने को कहा जिससे यह स्पष्ट हो सके कि विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए हैं और यह नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करता है। उच्चतम न्यायालय की तरफ से पिछले महीने जारी निर्देशों के मुताबिक, सभी नए प्रिंट, डिजिटल, टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनों के लिए स्व-घोषणा देना जरूरी होगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश पारदर्शिता, उपभोक्ता संरक्षण और जिम्मेदार विज्ञापन व्यवहार को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह बहुत ही अच्छा कदम है। इससे उपभोक्ताओं ठगी से बचेंगे और सही प्रोडक्ट की खरीदारी कर पाएंगे।

18 जून, 2024 से नया रूल लागू होगा

टीवी और रेडियो विज्ञापनों के मामले में स्व-घोषणा प्रमाणपत्र को ‘ब्रॉडकास्ट सेवा’ पोर्टल पर और प्रिंट, डिजिटल और इंटरनेट विज्ञापनों के लिए भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की वेबसाइट पर डालना होगा। इस स्व-घोषणा प्रमाणपत्र पर विज्ञापनदाता या विज्ञापन एजेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी होने चाहिए। सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को 18 जून, 2024 या उसके बाद जारी/ प्रसारित/ प्रकाशित होने वाले सभी नए विज्ञापनों के लिए यह प्रमाणपत्र हासिल करना जरूरी है। सभी हितधारकों को स्व-प्रमाणन की प्रक्रिया से परिचित होने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए दो सप्ताह की बफर अवधि रखी गई है। 

पत्रकारिता आचरण के मानदंड शामिल

हालांकि, अभी प्रसारित या प्रकाशित हो रहे विज्ञापनों को स्व-प्रमाणन की जरूरत नहीं होगी। दस्तावेज़ को प्रमाणित करना चाहिए कि विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए हैं और यह सभी प्रासंगिक नियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन करता है। इसमें केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के नियम सात और भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंड शामिल हैं। विज्ञापनदाता को संबंधित प्रसारक, मुद्रक, प्रकाशक या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मंच को उनके रिकॉर्ड के लिए स्व-घोषणा प्रमाणपत्र अपलोड करने का प्रमाण देना होगा। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, वैध स्व-घोषणा प्रमाणपत्र के बगैर किसी भी विज्ञापन को टेलीविजन, प्रिंट मीडिया या इंटरनेट पर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। 

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