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यूरोपीय संघ ने कुछ इस्पात उत्पादों पर बढ़ाया टैक्स, भारत भी लगा सकता है जवाबी शुल्क

भारत और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर द्विपक्षीय वार्ता की थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन सकी।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 17, 2024 20:17 IST, Updated : Jun 17, 2024 20:17 IST
Steel- India TV Paisa
Photo:FILE इस्पात

यूरोपीय संघ ने कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर रक्षोपाय शुल्क को 2026 तक दो साल के लिए बढ़ा दिया है। यह पहले इस महीने समाप्त होने वाला था। यह ऐसे उपायों का दूसरा विस्तार है, जिसे पहली बार 2018 में लगाया गया था। यह टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) का रूप है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि भारत के पास यूरोपीय संघ (ईयू) से एक निश्चित मूल्य के आयातित सामान पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) मानदंडों के तहत जवाबी सीमा शुल्क लगाने का विकल्प है। उन्होंने कहा कि  दोनों पक्ष कुछ इस्पात उत्पादों पर यूरोपीय संघ के रक्षोपाय (सेफगार्ड) उपायों को लेकर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहे हैं। 

भारत प्रभावित देशों में शामिल

भारत इस उपाय से प्रभावित देशों में शामिल है, क्योंकि यूरोपीय संघ को इस्पात निर्यात में इसकी पर्याप्त रुचि है। भारत ने अन्य देशों के साथ मिलकर पहले भी विश्व व्यापार संगठन में यूरोपीय संघ के कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर सुरक्षा शुल्क को 2026 तक बढ़ाने के कदम पर चिंता जताई है। भारत ने इस बारे में अपनी चिंताओं से यूरोपीय संघ को अवगत कराया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘संबंधित उत्पादों के निर्यातक के रूप में भारत की पर्याप्त रुचि है। यूरोपीय संघ का उपाय वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है।’’ 

द्विपक्षीय वार्ता में आम सहमति नहीं बनी

भारत और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर द्विपक्षीय वार्ता की थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन सकी। अधिकारी ने कहा कि ऐसे में भारत के पास यूरोपीय संघ से आयातित वस्तुओं के कुछ मूल्य पर डब्ल्यूटीओ मानदंडों के तहत जवाबी सीमा शुल्क लगाने का विकल्प है। इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय विचार-विमर्श कर रहे हैं। 

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