त्योहारी सीजन में इस साल रोजगार के शानदार मौके होंगे। Adecco India की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के दूसरे छमाही में 2.16 लाख से अधिक सीजनल नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। यह पिछले साल की तुलना में 15–20% तक की बढ़ोतरी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, फेस्टिव सीजन के दौरान रिटेल, ई-कॉमर्स, BFSI, लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों में हायरिंग सबसे ज़्यादा देखने को मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षाबंधन, दशहरा, दिवाली, सीज़नल सेल्स और वेडिंग सीजन को देखते हुए कंपनियां पहले से ही हायरिंग साइकल तेज कर चुकी हैं।
आखिर क्यों रोजगार के होंगे अच्छे मौके
रिपोर्ट कहती है कि हायरिंग में तेजी के पीछे बेहतर कंज्यूमर सेंटिमेंट, अनुकूल मॉनसून से ग्रामीण मांग में इज़ाफा, चुनाव के बाद आर्थिक विश्वास में सुधार और आक्रामक सीजनल प्रमोशन की वजह से इस साल फेस्टिवल सीजन में रोजगार के जबरदस्त मौके होंगे। सीजनल नौकरियां जिन महानगरों में सबसे ज्यादा देखने को मिलेंगी, उनमें दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और पुणे शामिल हैं। यहां पिछले साल के मुकाबले 19% ज़्यादा नौकरियां होने के आसार हैं। टियर-2 शहर की बात करें तो लखनऊ, जयपुर, कोयंबटूर, नागपुर, भुवनेश्वर, मैसूर और वाराणसी में 42% तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, कानपुर, कोच्चि और विजयवाड़ा जैसे शहरों में भी मांग तेज़ी से बढ़ रही है।
सैलरी और रोल्स किस तरह की होगी
मेट्रो शहरों में वेतन में 12–15% की वृद्धि होगी, जबकि उभरते शहरों में 18–22% तक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी में हायरिंग 30–35% बढ़ेगी। इसके अलावा, BFSI सेक्टर में क्रेडिट कार्ड सेल्स और POS इंस्टॉलेशन के लिए टियर-2/3 शहरों में फील्ड फोर्स की मांग बढ़ेगी (30% ग्रोथ)। हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल में हायरिंग में 20–25% की बढ़ोतरी होने के आसार हैं। ई-कॉमर्स और रिटेल हायरिंग के सबसे बड़े स्रोत रहेंगे, जिनकी हिस्सेदारी 35–40% हिस्सेदारी होगी।
महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी
रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की भागीदारी में 23% वृद्धि दर्ज की गई है, खासतौर पर फ्लेक्सिबल और शॉर्ट-टर्म जॉब्स को लेकर रुझान बढ़ा है। अब हायरिंग सिर्फ संख्या नहीं, स्ट्रैटेजी बन चुकी है। Adecco India के जनरल स्टाफिंग हेड दीपेश गुप्ता ने कहा कि अब कंपनियां सिर्फ भारी संख्या में नहीं बल्कि तेज डिप्लॉयमेंट, स्किल फिटमेंट, और लंबे समय के लिए वर्कफोर्स को तैयार करने पर जोर दे रही हैं।






































