
देश में आज करोड़ों लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) लगातार कदम उठा रहा है। अब SEBI, म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमों की व्यापक समीक्षा करने जा रहा है, ताकि इन्हें और अधिक निवेशकों के मुताबिक और उद्योग के लिए अनुकूल बनाया जा सके। सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने शनिवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) द्वारा आयोजित 17वें म्यूचुअल फंड शिखर सम्मेलन में कहा, “हम सभी हितधारकों के लिए, जिनमें नियामक भी शामिल हैं, कारोबार को आसान बनाने के उद्देश्य से पूरे म्यूचुअल फंड नियामक ढांचे की पुनर्रचना कर रहे हैं।”
जल्द जारी होगा मौसादा
हितधारकों का कहना है कि म्यूचुअल फंड क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले वर्तमान नियम बहुत विस्तृत और जटिल हैं। निवेशकों की बदलती जरूरतों और उद्योग में हो रहे नवाचारों के अनुरूप इन नियमों को सरल और व्यावहारिक बनाए जाने की आवश्यकता है। सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने बिना किसी निश्चित समयसीमा के बताया कि नए नियमों को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही प्रतिक्रिया और परामर्श के लिए मसौदा नियम पेश करेंगे।” कुमार ने भारत के प्रतिभूति बाजार को सुदृढ़ करने के लिए सेबी की रणनीतिक योजना का उल्लेख किया, जिसमें म्यूचुअल फंड को समावेशी वित्तीय विकास और निवेशक संरक्षण को बढ़ावा देने वाले एक प्रमुख स्तंभ के रूप में स्थापित किया गया है।
म्यूचुअल फंड एडवाइजर के लिए आएंगे नियम
म्यूचुअल फंड से जुड़े एडवाइजरी कार्यों को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से सेबी एक परामर्श पत्र (Consultation Paper) तैयार कर रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि सेबी के नेतृत्व में भारत के वित्तीय बाजारों में बड़े बदलाव आए हैं और अब म्यूचुअल फंड क्रांति के ज़रिए एक और परिवर्तन की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है। कुमार ने बताया कि भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग का कुल प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति (AUM) 72 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी है, जबकि हर महीने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के ज़रिए निवेश का आंकड़ा 28,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि 140 करोड़ की आबादी वाले देश में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या अभी भी सिर्फ पांच करोड़ तक सीमित है, जिसे बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। सेबी म्यूचुअल फंड को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने के लिए योजना वर्गीकरण (scheme categorization) के मानदंडों की सक्रिय समीक्षा कर रहा है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि निवेश योजनाएं अपने ‘लेबल’ के अनुरूप ही प्रदर्शन करें, ताकि निवेशकों के साथ किसी भी प्रकार की गलत बिक्री (mis-selling) को रोका जा सके।