Sunday, December 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. लंदन की संसद को आंख दिखाकर भारत ने बदला था बजट पेश करने का समय, जानें इसके पीछे की कहानी

लंदन की संसद को आंख दिखाकर भारत ने बदला था बजट पेश करने का समय, जानें इसके पीछे की कहानी

बजट एक ऐसा लेखा-जोखा है जो किसी देश के विकास की रफ्तार बताता है। बजट से ही तय हो पाता है कि सरकार किस सेक्टर पर कितना फोकस करने वाली है और उस साल वह देश कितनी तेजी से तरक्की के रास्ते पर चलेगा। भारत के साथ ऐसी कई कहानियां बजट से जुड़ी हुई हैं। एक के बारे में आज जानते हैं।

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Jan 15, 2023 14:52 IST, Updated : Jan 19, 2023 16:03 IST
Budget timing changed reason- India TV Paisa
Photo:INDIA TV लंदन की संसद को आंख दिखाकर भारत ने बदला था बजट टाइमिंग

इस साल मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है। सरकार की कोशिश अधिक रोजगार पैदा करने वाले योजनाओ और देश की विकास को रफ्तार देने वाले नियम बनाने पर रहेगी। बजट पेश होने से पहले हम भारत के आम बजट से जुड़ी कुछ खास बातें जान लेते हैं, जिसने इतिहास के पन्नों में एक जगह बना रखा है।

बजट के साथ जुड़ी हैं कई परंपराएं

बजट देश के संविधान का एक अहम हिस्‍सा है, लेकिन बजट के साथ कई परंपराएं भी जुड़ी होती हैं जिन्‍हें अक्‍सर हम नियम समझ लेते हैं। अधिकतर सरकारें इन्‍हीं परंपराओं का निर्वहन कर बजट पेश करती हैं, वहीं कुछ सरकार परंपराएं तोड़कर बजट की एक नई परंपरा की शुरुआत करती हैं। जैसे 2016 तक फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को बजट पेश किया जाता था, लेकिन वित्‍तीय कामकाजों की सहूलियत को देखते हुए मोदी सरकार ने इसे बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया। इस साल भी बजट 1 फरवरी को ही पेश होगा।

2001 में बदली गई बजट टाइमिंग

इन्‍हीं में से एक परंपरा बजट पेश करने के समय को लेकर भी थी, जो कि 2001 में तत्‍कालीन वित्‍तमंत्री यशवंत सिन्‍हा ने खत्‍म की थी। Y2K यानि वर्ष 2000 तक देश का आम बजट शाम 5 बजट पेश होता था। यह भी एक बजट परंपरा थी, लेकिन इसके पीछे भी एक इतिहास और एक तात्‍कालीन जरूरत जुड़ी हुई थी। इस परंपरा के पन्‍ने भारतीय स्‍वतंत्रता से करीब 20 साल पुराने हैं। बात 1927 की है, उस समय अंग्रेज अधिकारी भी भारतीय संसदीय कार्यवाही में हिस्‍सा लेते थे।

दरअसल जब भारत में शाम के 5 बजते थे तो उस समय लंदन में सुबह के 11.30 बज रहे होते थे। लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमंस में बैठे सांसद भारत का बजट भाषण सुनते थे। आजादी के बाद भी यह नियम जारी रहा। वहीं लंदन स्‍टॉक एक्‍सचेंज भी उसी समय खुलता था ऐसे में भारत में कारोबार करने वाली कंपनियों के हित इस बजट से तय होते थे।

संविधान लागू होने के 50 साल बाद साफ

लेकिन औपनिवेशिक भारत की इस धुंध को देश में संविधान लागू होने के 50 साल बाद साफ किया गया। तत्‍कालीन एनडीए सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा। उस समय के वित्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा ने सबसे पहले सुबह 11 बजे बजट पेश करना शुरू किया जो कि पूरी तरह से भारत के समयानुसार और भारत की परंपरा के अनुरूप था।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement