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महंगाई की मार झेलने के लिए हो जाइए तैयार, सऊदी अरब के इस फैसले से मचने वाला है हाहाकार

Inflation Rate Increase: पूरी दुनिया में मंदी की आशंका के बीच महंगाई के मोर्चे पर सरकार फिर से कमजोर पड़ती नजर आ रही है। सऊदी अरब ने ऐलान किया है कि वह मई महीने से तेल उत्पादन में बड़ी गिरावट करने जा रहा है। क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन कम करने से तेल की कीमतें बढ़ेंगी और वह महंगाई को बढ़ाने का काम करेगा।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: April 03, 2023 6:44 IST
Inflation rate is going to increase- India TV Paisa
Photo:FILE महंगाई की मार झेलने के लिए हो जाइए तैयार

Inflation News in India: दुनिया में बढ़ती बेतहाशा महंगाई के बीच एक और बुरी खबर आई है। सऊदी अरब ने कहा है कि वह मई माह से 2023 के अंत तक तेल उत्पादन में प्रतिदिन पांच लाख बैरल की कटौती करेगा। सऊदी अरब के इस कदम से तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे रियाद और अमेरिका के रिश्तों में और तनाव आ सकता है। बता दें कि क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन में कमी करने से बाजार में मौजूद तेल की कीमतें बढ़ेंगी जो आम जनता की जेब को और कमजोर करने का काम करेंगी। क्योंकि जब तेल के दाम बढ़ते हैं तो उसका असर सामान लाने ले जाने में इस्तेमाल होने वाले ट्रांसपोर्ट सर्विस पर पड़ता है, वो महंगी हो जाती हैं। जब ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट अधिक आता है तो कंपनियां कीमतें बढ़ाकर उसे मैनेज करने की कोशिश करती हैं जो आम जनता को चुकानी पड़ती हैं। भारत की बात करें तो यहां पहले से ही महंगाई आरबीआई के तय स्तर से नीचे नहीं आ रही है। आरबीआई की मौद्रिक समिति समय-समय पर इसे काबू करने के लिए बैठक कर रही है। हाल ही में आरबीआई के तरफ से ये सूचना जारी किया गया था कि वित्त वर्ष 2023-24 में मौद्रिक समिति नीति की बैठक 6 बार आयोजित की जाएगी। 

यूक्रेन-रूस के युद्ध के चलते पूरी दुनिया महंगाई

बता दें कि यूक्रेन-रूस के युद्ध के चलते पूरी दुनिया महंगाई का सामना कर रही है। ऊर्जा मंत्री ने रविवार को कहा कि यह कटौती कुछ ओपेक और गैर-ओपेक सदस्यों से समन्वय कर की जाएगी। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। यह कटौती पिछले साल अक्टूबर में घोषित कटौती के अतिरिक्त होगी। सऊदी अरब ने इस कदम को तेल बाजार को स्थिर करने के उद्देश्य से एहतियाती कदम बताया है। सऊदी अरब और अन्य ओपेक सदस्यों ने पिछले साल तेल उत्पादन में कमी कर अमेरिकी सरकार को नाराज कर दिया था। उस समय अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने वाले थे और महंगाई प्रमुख चुनावी मुद्दा था।

क्या है भारत में महंगाई का हाल?

फरवरी में खुदरा महंगाई मामूली रूप से घटकर 6.44 प्रतिशत रह गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य और ईंधन की कीमतों में आई गिरावट है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई की दर जनवरी 2023 में 6.52 प्रतिशत तथा फरवरी 2022 में 6.07 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं के लिए महंगाई की दर फरवरी में 5.95 प्रतिशत थी, जो जनवरी में 6 प्रतिशत से कम थी। नवंबर और दिसंबर 2022 को छोड़कर खुदरा महंगाई जनवरी 2022 से आरबीआई के 6 प्रतिशत के ऊपरी लिमिट से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक ने जनवरी-दिसंबर तिमाही में 5.7 फीसदी के साथ 2022-23 के लिए खुदरा महंगाई दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक को सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है कि खुदरा महंगाई दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे। बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए आरबीआई ने पिछले साल मई से ब्याज दरों में 2.50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। फरवरी में 25 आधार अंकों की नवीनतम दर वृद्धि ने बेंचमार्क नीति दर को 6.50 प्रतिशत कर दिया।

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