
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में आने वाले समय में 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये का नया निवेश आने की संभावना है। यह निवेश पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मामलों के मंत्री सिंधिया ने बताया कि उनके मंत्रालय ने हाल ही में 9 रोड शो कार्यक्रमों का आयोजन किया था, जिसमें 1.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश कमिटमेंट प्राप्त हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निवेश कमिटमेंट पहले से घोषित किसी भी निवेश का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से नया निवेश है।
राइजिंग नॉर्थ-ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025
यह घोषणा 23-24 मई को होने वाले 'राइजिंग नॉर्थ-ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025' के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में की गई। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जो पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए समर्पित है। सिंधिया ने उम्मीद जताई कि 24 मई को शिखर सम्मेलन समाप्त होने तक निवेश प्रस्तावों की संख्या में और वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि 6 बड़े औद्योगिक घराने और सार्वजनिक उपक्रम भी निवेश करने की योजना बना रहे हैं, जिससे कुल निवेश 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये के बीच पहुंचने की संभावना है।
बड़े कारोबारी ग्रुप्स के साथ हुईं बैठकें
पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए टाटा समूह, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला समूह जैसे बड़े समूहों के साथ अलग-अलग बैठकें आयोजित की गई हैं। शिखर सम्मेलन के बाद मंत्रालय निवेश प्रस्तावों के कार्यान्वयन के लिए पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा स्थापित निवेश प्रचार अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगा। सिंधिया ने जोर देकर कहा, "हम इन प्रतिबद्धताओं को वास्तविकता में बदलने के लिए निवेशकों और राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।" यह निवेश पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक विकास को गति देगा और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।