Monday, April 29, 2024
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कंपनियों से 73,287 करोड़ रुपये वसूलने में सेबी के छूटे पसीने, मजबूर होकर ‘मुश्किल से वसूली’ की श्रेणी में डाला

सेबी ने 31 मार्च, 2023 तक 73,287 करोड़ रुपये के बकाया को ‘‘वसूली करना मुश्किल’’ के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका मतलब है कि वसूली के सभी तरीकों का इस्तेमाल करने के बाद भी इस राशि को वसूल नहीं किया जा सका है।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: August 08, 2023 18:40 IST
73,287 करोड़ रुपये वसूलने में सेबी के छूटे पसीने- India TV Paisa
Photo:FILE 73,287 करोड़ रुपये वसूलने में सेबी के छूटे पसीने

भारतीय शेयर बाजार की सर्वोच्च संस्था सेबी को एक ताकतवर संस्थान माना जाता है। लेकिन कंपनियों से करीब 73 हजार करोड़ रुपये वसूलने में खुद सेबी के ही पसीने छूट रहे हैं। थक हार कर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 73,287 करोड़ रुपये के बकाया को ‘मुश्किल से वसूली’ होने वाले बकाये की श्रेणी में डाला है। पूंजी बाजार नियामक ने मार्च, 2023 के अंत में इस राशि को मुश्किल से वसूली में रखा है। सेबी को विभिन्न इकाइयों से कुल मिलाकर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बकाया वसूलना है। 

जानिए किसका है ये पैसा 

सेबी से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें ऐसी कंपनियां भी शामिल हैं, जो लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहीं, या जिन्होंने निवेशकों का धन वापस करने के निर्देश का पालन नहीं किया। सोमवार को जारी सेबी की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये के बकाया में 63,206 करोड़ रुपये पीएसीएल लिमिटेड और सहारा समूह की कंपनी सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन से संबंधित है। यह कुल राशि का 62 प्रतिशत है। 

70 हजार करोड़ अदालतों में लंबित 

नियामक ने कहा कि इसके अलावा 77 मामलों में विभिन्न अदालतों और अदालत द्वारा नियुक्त समितियों के समक्ष कार्यवाही लंबित है। इनमें 70,482.62 करोड़ रुपये या कुल बकाया राशि का 69 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। नियामक ने कहा, ‘‘इन मामलों में सेबी की वसूली कार्यवाही संबंधित अदालत/समिति के निर्देशों के अधीन है। ऐसे मामले जहां दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता (आईबीसी) लागू है, वहां सेबी की वसूली कार्यवाही प्रभावित होती है।’’ 

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