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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव तो शेयर बाजार पर क्या होगा असर?

इस वीकेंड निवेशक भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी नए सैन्य डेवलपमेंट पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सोमवार को बाजार किस तरह खुलेगा, वो इसी पर निर्भर करेगा।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : Apr 27, 2025 16:20 IST, Updated : Apr 27, 2025 16:20 IST
भारतीय शेयर बाजार
Photo:FILE भारतीय शेयर बाजार

कश्मीर में आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है। इससे शेयर बाजार के निवेशक चिंता में हैं और पिछले सेशंस में प्रॉफिट बुकिंग भी देखने को मिली है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बढ़ते तनाव के कारण मार्केट सेंटीमेंट 'सतर्क' बना रह सकता है। पिछले हफ्ते निफ्टी-50 24,039 अंक पर और बीएसई सेंसेक्स 79,212 अंक पर बंद हुआ। पिछले हफ्ते अनुकूल वैश्विक संकेतों के सपोर्ट से पॉजिटिव शुरुआत के बाद भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी से गिरावट आई। यह मुनाफावसूली के कारण हुआ, जो कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण आई। कश्मीर में पर्यटकों पर हमले के बाद पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका के कारण होटल और विमानन शेयरों पर बिकवाली का दबाव था।

विदेशी निवेशक अपना सकते हैं 'देखो और इंतजार करो' की नीति

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत ने अपनी मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के कारण भू-राजनीतिक कारकों के प्रति मजबूत लचीलापन दिखाया है। नायर ने आगे कहा, "विदेशी निवेशक भू-राजनीतिक तनाव का आकलन करने के लिए निकट भविष्य में 'देखो और इंतजार करो' की रणनीति अपना सकते हैं। भारत की ऐतिहासिक परफॉर्मेंस और घरेलू अर्थव्यवस्था की जीवंत प्रकृति को देखते हुए मार्केट ने भू-राजनीतिक कारकों के दौरान मजबूत लचीलापन दिखाया है। अगर और गिरावट आती है, तो यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए क्वालिटी शेयर्स जमा करने का अच्छा मौका होगा।

मार्केट में बढ़ सकती है अस्थिरता

मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अगले कुछ दिनों में भारतीय बाजार में अस्थिरता बढ़ा सकता है। आनंद राठी की रिपोर्ट के अनुसार, 2001 के संसद हमले को छोड़कर, भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े हुए तनाव के समय में भारतीय इक्विटी बाजारों में कभी भी 2% से अधिक की गिरावट नहीं आई है। यहां तक कि 2001-02 के संसद हमले के दौरान की गिरावट भी संभवतः वैश्विक कारकों से अधिक प्रभावित थी, क्योंकि उस समय एसएंडपी 500 में करीब 30% की गिरावट आई थी।

इस हफ्ते कैसा रहेगा बाजार

इस वीकेंड निवेशक भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी नए सैन्य डेवलपमेंट पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सोमवार को बाजार किस तरह खुलेगा, वो इसी पर निर्भर करेगा। एंजल वन के इक्विटी तकनीकी विश्लेषक राजेश भोसले ने कहा, "शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण तेज बिकवाली हुई, जिससे हफ्ते के शुरुआती सेशंस में आई तेजी चली गई।

क्या कहते हैं चार्ट्स

निफ्टी ने फरवरी-मार्च के स्विंग हाई को पार करके चार्ट पर एक मजबूत तेजी के ब्रेकआउट की पुष्टि की है। 23900 से 23800 के आसपास के ब्रेकआउट जोन पर शुक्रवार को महत्वपूर्ण सपोर्ट मिला। यह एक प्रमुख निर्णायक स्तर बना हुआ है। यदि भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है या यह सपोर्ट टूटता है, तो 23500 से 23300 जोन की ओर एक गिरावट आ सकती है। वहीं, तत्काल प्रतिरोध 24250 से 24350 पर देखा जा रहा है।

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