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यूपी में बिल्डर्स की मनमानी पर रेरा का हथौड़ा, नोएडा सहित पूरे प्रदेश में 90 प्रतिशत शिकायतों का निपटान

मई, 2017 में पूरी तरह अमल में आए इस कानून के अंतर्गत लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रियल एस्टेट प्राधिकरण स्थापित किया गया है।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Feb 09, 2023 12:24 IST, Updated : Feb 09, 2023 12:24 IST
UP rera- India TV Paisa
Photo:FILE UP rera

दिल्ली एनसीआर से सटे यूपी के नोएडा, गाजियाबाद जैसे उभरते शहर हों या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ और कारोबारी शहर कानपुर। बिल्डर्स की मनमानी, लटके प्रोजेक्ट और माफियाओं के आतंक पर अब यूपी रेरा का हथौड़ा काम कर रहा है। यूपी रेरा ने उसके पास आई करीब 48000 शिकायतों में से करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा का निपटान कर दिया है। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण (यूपी-रेरा) के चेयरमैन राजीव कुमार ने बुधवार को बताया कि प्राधिकरण राज्य में बहुत प्रभावी है और उसने दर्ज की गई लगभग 90 प्रतिशत शिकायतों का निपटान कर दिया है। 

रियल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम (रेरा) संसद में मार्च, 2016 में पारित किया गया था और एक मई, 2016 को प्रभावी हो गया था। मई, 2017 में पूरी तरह अमल में आए इस कानून के अंतर्गत लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रियल एस्टेट प्राधिकरण स्थापित किया गया है। उद्योग मंडल एसोचैम की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कुमार ने कहा कि यूपी-रेरा ने विभिन्न राज्यों के नियामकों द्वारा हल की गई कुल उपभोक्ता शिकायतों में से 41 प्रतिशत का निस्तारण किया है। 

उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली के रियल एस्टेट कारोबार में इतनी समस्या नहीं होती तो रेरा अधिनियम अस्तित्व में ही नहीं आया होता। इसके नियमन का श्रेय दिल्ली-एनसीआर को ही जाता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उप्र रेरा के पास 47,671 शिकायतें आ चुकी हैं, जो देशभर में आईं शिकायतों का लगभग 38 प्रतिशत हैं। इनमें से लगभग 42,600 शिकायतों का निपटान हो चुका है जो देश में निपटान वाली कुछ शिकायतों का लगभग 41 प्रतिशत हैं।

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