डीजीसीए के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, इनमें से 323 विमान परिचालन में थे, 6 बेस मेंटेनेंस में थे और बाद में पता चला कि एयर इंडिया के फ्लीट में मौजूद 9 विमानों को इस अपग्रेड की जरूरत नहीं है।
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) के साथ मिलकर एयरलाइन कपंनियों को नया सॉफ्टवेयर अपडेट करने का निर्देश दिया है।
डीजीसीए के 29 नवंबर सुबह 10 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कुल 338 में 189 एयरबस A320 विमानों का सॉफ्टवेयर अपग्रेड पूरा हो चुका है।
विमान निर्माता कंपनी एयरबस ने ए320-सीरीज के 6000 विमानों को वापस बुलाने का ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि इन विमानों के सॉफ्टवेयर में गंभीर गड़बड़ी पाई गई है, जिसे तुरंत ठीक करना जरूरी है। इस वजह से भारत समेत दुनिया भर की बड़ी एयरलाइंस की उड़ानें प्रभावित हो रही हैं।
इस समय इंडिगो के पास 400 से ज्यादा एयरप्लेन का विशाल फ्लीट है। देश की ये एयरलाइन कंपनी 90 से ज्यादा डोमेस्टिक और 40 से ज्यादा इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए रोजाना 2200 से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करती है।
एयरबस की भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। इसकी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी अनुसार, इसके विभिन्न प्लांट्स में 3,600 से अधिक कर्मचारी हैं तथा इसकी सप्लाई चेन के माध्यम से 15,000 से अधिक नौकरियां पैदा होती हैं।
एयरबस के हेलिकॉप्टर विनिर्माण प्रभाग ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह स्वदेशी विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत में हेलिकॉप्टर की अंतिम असेंबली लाइन स्थापित करने के लिए टाटा समूह के साथ साझेदारी करेगी।
ऑर्डर का मूल्य 12 अरब डॉलर है और एयरबस ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो यात्रियों की संख्या के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी बजट एयरलाइनों में से एक है।
एफएएल को स्थापित होने में 24 महीने का समय लगेगा। पहले 'मेड इन इंडिया' एच125 की डिलिवरी 2026 के शुरू होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ‘फाइनल असेंबली लाइन’ लगाने के लिए स्थान एयरबस और टाटा समूह संयुक्त रूप से तय करेंगे।
A350 के साथ वाणिज्यिक संचालन की अशिड्यूल की घोषणा आने वाले हफ्तों में की जाएगी। पहले यह घरेलू उड़ान पर सेवा देगा फिर इंटरनेशनल उड़ान पर जाएगा।
इंडिगो ने बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2030 से लेकर 2035 की अवधि के लिए किए गए 500 अतिरिक्त विमानों के पक्के ऑर्डर के साथ ही एयरलाइन की ऑर्डरबुक में करीब 1,000 विमान हो चुके हैं।
चीन की सरकारी कंपनी चीन ईस्टर्न एयरलाइंस द्वारा संचालित सी919 की पहली वाणिज्यिक उड़ान शंघाई के पूर्वी महानगर से बीजिंग तक गई।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि सिंगल कॉरिडोर वाले विमान बाजार में एयरबस की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और ए320 प्रोग्राम में तेजी लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
कंपनी बढ़ती यात्रा मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने की कोशिशों के तहत अप्रैल से पायलट एवं चालक दल के सदस्यों के वेतन में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी करने जा रही है।
Tata-Airbus: रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायु सेना के लिए C-295 परिवहन विमान का निर्माण टाटा-एयरबस द्वारा किया जाएगा।
यूपी में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत चयनित पांच एयरपोर्ट- अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, म्योरपुर (सोनभद्र) तथा श्रावस्ती को एयरबस ए-321 के अनुकूल विकसित किया जा रहा है।
मैकब्रैटनी ने कहा कि भारतीय विमानन परिदृश्य के विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए उसे वर्ष 2040 तक 34,000 अतिरिक्त पायलट और 45,000 तकनीकी स्टाफ की भी जरूरत होगी।
बीडीएल ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि करीब 2.1 करोड़ डॉलर मूल्य वाले इस अनुबंध के तहत उसे एयरबस को सीएमडीएस की आपूर्ति करनी होगी।
रतन टाटा ने कहा कि यह बड़ा कदम है जो अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप घरेलू आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करेगा। सी-295 एक मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है।
एयरबस के मुताबिक ग्रुप की आय पिछले साल के मुकाबले 70.5 अरब यूरो से घट कर 49.9 अरब यूरो के स्तर पर आ गई है। इस दौरान कंपनी ने कुल 566 व्यवसाय़िक विमानों को ग्राहकों को सौंपा है।
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