दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी हर साल 4 लाख किलोलीटर डीजल का उपयोग करती है और इस पर कंपनी का वार्षिक खर्च 3500 करोड़ रुपये से अधिक है।
जून में कुल कोयला आयात में नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 1.30 करोड़ टन रहा। वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 24.6 लाख टन से बढ़कर 40.6 लाख टन पर पहुंच गया
बयान के अनुसार, स्टॉक की दैनिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए बिजली मंत्रालय, सीईए और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक कोर प्रबंधन टीम (सीएमटी) का गठन करने का फैसला किया गया।
कोल इंडिया के कर्मचारियों के वेतन में प्रत्येक पांचवें साल में संशोधन किया जाता है। कर्मचारियों की वेतनवृद्धि जुलाई, 2021 में होनी थी।
सार्वजानिक क्षेत्र की महारात्न कंपनी ने अपने पूंजीगत व्यय बजट को 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये के शुरुआती अनुमान से संशोधित कर 13,115 करोड़ रुपये कर दिया था।
सीजी नेचुरल रिर्सोसेज छत्तीसगढ़ स्थित खरगांव कोयला ब्लॉक के लिये सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है।
महाराष्ट्र में वाणिज्यिक उपयोग के लिये कोयला खदानों की नीलामी में सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी लि.सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह में देश का कोयला आयात 25.4 प्रतिशत बढ़कर 4.21 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.36 करोड़ टन था।
मंत्रालय के मुताबिक 19 कोयला खदानों के लिए कुल 34 बोलियाँ प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 10 पूरी तरह से खोजी गई खदानें हैं और 9 आंशिक रूप से खोजी गई खदानें हैं।
कोल इंडिया की झारखंड स्थित सब्सिडियरी यूनिट भारत कोकिंग कोल लि. (बीसीसीएल) से ई-नीलामी के जरिये खरीदा गया कोयला बांग्लादेश के खुलना स्थित रामपल बिजली घर के लिये भेजा गया है।
बीते वित्त वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ ने सबसे अधिक 15.84 करोड़ टन का कोयला उत्पादन दर्ज किया। ओडिशा 15.41 करोड़ टन के उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट, स्टील, सीमेंट और बिजली उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठों कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है।
पिछले साल अप्रैल में भारत का कोयला आयात 1.70 करोड़ टन रहा था। अप्रैल में कुल आयात में नॉन-कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.53 करोड़ टन रहा है
कंपनी के बोर्ड ने ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रति शेयर 10 रुपए के अंकित मूल्य पर और 3.50 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया है।
लाभांश का अंतिम हिस्सा 2-2.5 रुपये प्रति शेयर हो सकता है। इस तरह कुल लाभांश 15 रुपये प्रति शेयर से कम तक हो सकता हैं।
सूत्रों ने कहा कि 27 मार्च तक कोल इंडिया का उत्पादन 58.5 करोड़ टन रहा है। माह के शेष दिनों में 1.1 करोड़ टन का और उत्पादन होगा। इस तरह कंपनी का कुल उत्पादन 59.6 से 59.7 करोड़ टन के बीच रहेगा।
ये 67 खदानें छह राज्यों - छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में हैं। सरकार के मुताबिक वाणिज्यिक कोयला खनन से नया निवेश आएगा, रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे और कोयला उत्पादक राज्यों में सामाजिक, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
जनवरी में भारत का कोयला आयात बढ़कर 2 करोड़ टन से अधिक रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 1.86 करोड़ टन रहा था। जनवरी में कोयले के कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.27 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का हिस्सा 56.2 लाख टन रहा।
तिमाही के दौरान कारोबार से आय 2.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23686 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले साल की दिसंबर तिमाही में कंपनी की कारोबार से आय 23190 करोड़ रुपये के स्तर पर थी।
कोल इंडिया ने बयान में कहा कि 2020-21 के 10,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। कुल 3,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश में सीआईएल की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सब्सिडियरी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.का हिस्सा करीब 800 करोड़ रुपये है।
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