चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 18.50 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियों के आधार पर लगाया गया है, जो बजट में अनुमानित 19.62 लाख करोड़ रुपए से कम है।
इन 11 क्षेत्रों में रीयल एस्टेट, बिजली, वाहन एवं वाहन अनुषंगी, दूरसंचार तथा बुनियादी ढांचा समेत अन्य शामिल हैं।
कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर और हेड (एमएंडए) अकीला अग्रवाल ने कहा कि नए नियम एनसीएलटी पर बोझ कम करेंगे। कंपनियां केंद्र सरकार के पास आवेदन कर अपने कारोबार को बंद कर सकेंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को आयकर स्लैब में बदलाव करना चाहिए। पिछले कई सालों से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के कारोबार के अनुकूल रवैये का शुक्रवार को जिक्र करते हुए कहा कि देश में कारोबार को सुगम बनाने के लिये कंपनी अधिनियम के प्रावधानों को आपराधिक कार्रवाई से मुक्त करने पर काम किया जा रहा है।
दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत मामलों को एनसीएलएटी प्रक्रिया से पहले निस्तारण की प्रक्रिया में कुल 3.75 लाख करोड़ रुपए कर्ज के 9,600 मामलों का निपटान किया गया है।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई।
संसद ने गुरुवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी, जिसमें कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में भारी कमी की गई और विनिर्माण क्षेत्र में उतरने वाली नई कंपनियों को 15 प्रतिशत की घटी दर से कर का प्रावधान किया गया है।
विनिर्माण क्षेत्र में आने वाली नई कंपनियां यदि 15 प्रतिशत की निचली दर पाने की शर्तें पूरी नहीं करतीं हैं तो उनके लिए 22 प्रतिशत के कर दायरे में जाने का विकल्प दिया गया है।
आर्थिक सुस्सी के बीच मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार आगे और भी आर्थिक सुधार करने को तैयार है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दरों में कटौती के बाद घटी ब्याज दरें और कॉरपोरेट कर में कटौती से अगले साल देश की अर्थव्यवस्था में सुधार शुरू होगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के.वी. सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार के पूर्व में कॉरपोरेट कर दरों में कटौती के फैसले के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार देश की कर व्यवस्था में आगे और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
आईएमएफ ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले की सराहना की है, साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा।
पिछले दो महीनों में लगातार बिकवाली करने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर भारतीय पूंजी बाजार में 7,714 करोड़ रुपए की शुद्ध निवेश किया है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सरकार सही समय आने पर आयकर छूट सीमा बढ़ाने के बारे में निर्णय लेगी। पिछले सप्ताह सरकार ने कॉरपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के बारे में दास ने कहा कि मौद्रिक समीक्षा बैठक से पूर्व यह एक पारंपरिक बैठक थी।
कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में जारी तेजी आज सोमवार को भी जारी है। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स में 1400 अंकों की उछाल देखने को मिली। साथ ही निफ्टी भी 11,500 के ऊपर कारोबार कर रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कॉरपोरेट कर की दर घटाने के बाद राजकोषीय घाटा लक्ष्य में संशोधन या खर्च में किसी प्रकार की कटौती करने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
क्रिसिल रिसर्च ने कहा है कि सरकार के कॉरपोरेट कर में कटौती के फैसले से शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों को 37,000 करोड़ रुपए की कर बचत होगी। क्रिसिल रिसर्च ने बयान में कहा, 'पिछले कुछ दिन में भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए कई उपायों की घोषणा की गई है।
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