अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क लगाने के बाद भारत द्वारा अमेरिकी सेब पर शुल्क की दर बढ़ाने की जवाबी कार्रवाई से अमेरिका अब तिलमिला गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित दुनिया की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर निशाना साधते हुए उन पर अमेरिका को व्यापार में लूटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100% शुल्क वसूल रहा है।
चीनी अधिकारियों का एक दल इस माह के अंत तक देश की कुछ गैर-बासमती चावल मिलों का दौरा कर उनके यहां स्वच्छता मानकों के अनुपालन की जांच कर सकता है। इस दल की रपट के आधार पर चीन इन मिलों का चावल का आयात करने की अनुमति दे सकता है। अभी चीन ने अपने यहां भारत से केवल बासमती चावल के आयात को मंजूरी दी हुई है।
अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में पिछले 12 दिन से जोरदार रिकवरी देखी जा रही है, आज डॉलर का भाव घटकर 66.85 रुपए तक आ गया है जो करीब 4 हफ्ते में सबसे अधिक भाव है, 12 दिन पहले डॉलर का भाव 68.47 रुपए के ऊपरी स्तर तक चला गया था, लेकिन अब डॉलर सस्ता हो रहा है और रुपए में मजबूती आने लगी है, रुपए में आई इस मजबूती का असर हम सबकी जेब पर पड़ सकता है।
किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था
अमेरिकी की तरफ से भारतीय स्टील और एल्यूमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद भारत ने भी सख्त कदम उठाए हैं। भारत में बादाम और अखरोट का सबसे ज्यादा आयात अमेरिका से होता है और अब भारत सरकार ने बादाम और अखरोट पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है जिससे अमेरिका से भारत आने वाले इन उत्पादों पर ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी
अमेरिका और चीन ने व्यापार में चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए कदम उठाया है। दोनों देशों ने इसको लेकर एक समझौता किया है। इसके तहत चीन अब अमेरिका से आयात बढ़ाएगा। अमेरिकी वस्तुओं का आयात बढ़ाकर चीन 375 अरब डालर के अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने पर ध्यान देगा।
एल्युमिनियम और स्टील पर आयात शुल्क लगाने के मुद्दे पर भारत ने अमेरिका को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की विवाद निपटान प्रणाली में घसीटा है। भारत ने कहा है कि इन उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले से उसका निर्यात प्रभावित होगा।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी चिंता का कारण है क्योंकि इससे देश का आयात बिल 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। इसका असर चालू खाते के घाटे (कैड) पर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने देश में वनस्पति तेल आयात को काबू करने के लिए जो उपाय किए थे वह सभी असफल होते नजर आ रहे हैं। तमाम उपायों के बावजूद वनस्पति तेल आयात घटने के बजाय बढ़ रहा है। अप्रैल के दौरान देश में वनस्पति तेल आयात 7 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए वनस्पति तेल आयात कम करने के लिए तेल और तिलहन पर भारी आयात शुल्क लगाया था।
इंजीनियरिंग, रसायन एवं औषधि क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात अप्रैल महीने में पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 5.17 प्रतिशत बढ़कर 25.91 अरब डॉलर रहा।
देश के चना किसानों को आयातित दलहन की मार से बचाने के लिए सरकार ने देश में सबसे ज्यादा आयात होने वाले दलहन पीले मटर के आयात पर अंकुश लगा दिया है। बुधवार को इस सिलसिले में विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक 3 महीने के लिए देश में पीले मटर के आयात पर अंकुश रहेगा
CRR1000 RR Fireblade की बात करें तो पहले दिल्ली में इसकी एक्स शोरूम कीमत 16.78 लाख रुपए होती थी जबकि CRR1000 SP Fireblade की कीमत 21.22 लाख रुपए थी
केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, चीन से आने वाले फॉस्फोरस पेंटॉक्साइड पर 1,685.42 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाया गया है।
अमेरिका ने 1300 चीनी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है और इससे अमेरिका को लगभग 50 अरब डॉलर का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है
भारत सरकार ने स्मार्टफोन्स के महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स के आयात पर 10 फीसदी का टैक्स लगा दिया है। इसमें स्मार्टफोन्स के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड भी शामिल हैं जिन्हें स्मार्टफोन्स का दिल कहा जाता है।
ट्रेड वार: चीन के सीमा शुल्क आयोग आयोग ने सूअर के मांस सहित अमेरिका से आने वाले 8 उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया है
सरकार ने एलसीडी और एलईडी टेलीविजन पैनल के विनिर्माण में काम आने वाले ‘ओपन सेल’ के आयात पर सीमा शुल्क घटाकर आधा कर दिया है।
अमेरिका द्वारा शुरू किए गए व्यापर युद्ध का जवाब देने के लिए आज चीन ने अपनी एक नई योजना का खुलासा किया है। चीन ने आज 3 अरब डॉलर से अधिक के अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने की घोषणा की है।
अमेरिका ने भारत ही नहीं बल्कि चीन के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की है, अमेरिका की इस कार्रवाई से व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है
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