डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2025 में चीन की शिपमेंट में 76 फीसदी की गिरावट आई है। चीन ने अप्रैल में अमेरिका को 9,00,000 आईफोन एक्सपोर्ट किए।
शुक्रवार को रात 11.32 बजे (अमेरिका में दोपहर 2.02 बजे) एप्पल के शेयर Nasdaq पर 2.55% (5.13 डॉलर) की गिरावट के साथ 196.23 डॉलर के भाव पर कारोबार कर रहे थे।
ट्रंप की धमकी से iPhone की कीमत में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे अमेरिका की लीडिंग टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक एप्पल की बिक्री और मुनाफे दोनों को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में कहा था कि जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन भारत में बने होंगे।
ताईवान की कंपनी फॉक्सकॉन और भारतीय कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में एप्पल आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग करती हैं।
ट्रम्प ने कहा कि भारत में बिक्री करना बहुत कठिन है और उन्होंने हमें एक ऐसा सौदा पेश किया है जिसके तहत वे मूल रूप से हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं।
दिग्गज अमेरिकी गैजेट कंपनी एप्पल ने टैरिफ को मुख्य कारण बताते हुए मौजूदा तिमाही के लिए अपने बजट में करीब 900 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च रखा है।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कुक ने लिखा, ’गर्मजोशी से स्वागत के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।
मार्केट के जानकारों का कहना है कि एप्पल की नजर भारत के बड़े स्मार्टफोन बाजार पर है। अभी भी भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एप्पल की बहुत ही कम हिस्सेदारी है।
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, टिम कुक ने खुद वैश्विक हालात देखते हुए नया पैकेज तय करने की सिफारिश की थी।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के तहत विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए दिग्गज कारोबारियों से बात करेंगे।
अमेरिका की दो बड़ी कंपनियां - एप्पल और एपिक गेम्स, इन-गेम पेमेंट सिस्टम के इस्तेमाल को लेकर कानूनी लड़ाई में कूद पड़ी हैं।
टिम कुक ने कहा कि कंपनी की भारत में बाजार हिस्सेदारी उपलब्ध अवसरों के मुकाबले काफी कम है और वहां भविष्य में रिटेल स्टोर को खोलना एक बड़ी पहल होगी।
एलन मस्क ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से संपर्क किया था, ताकि उनकी कंपनी द्वारा टेस्ला के अधिग्रहण की संभावनाएं (मौजूदा बाजार मूल्य के दसवें हिस्से के बराबर कीमत पर) तलाशी जा सकें।
एप्पल ने विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन जैसे भागीदारों के साथ मिलकर हाल ही में भारत में आईफोन-11 को असेंबल करना शुरू किया है।
एप्पल अब 2,00,000 करोड़ डॉलर की कीमत के साथ पहली कंपनी बनने के मील के पत्थर के काफी करीब है।
2019 की चौथी तिमाही में एप्पल की बाजार हिस्सेदारी भारत में बढ़कर 75.6 प्रतिशत हो गई है। इसकी मुख्य वजह आईफोन 11 का बेहतर प्रदर्शन और पूर्व मॉडल की दाम में कटौती है।
कुक ने कहा कि आईपैड के लिए हमनें प्रमुख उभरते बाजारों जैसे मेक्सिको, भारत, टर्की, पोलैंड, थाईलैंड, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम में अच्छी वृद्धि हासिल की है।
2017 में आईफोन के नए मॉडल डिजाइन से फिजिकल बटन को हटा दिया गया था। इसी को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ने कुक पर निशाना साधा है।
कुक को राजस्व और परिचालन आय लक्ष्यों के आधार पर 1.2 करोड़ डॉलर का बोनस दिया गया, जिसमें साल 2017 में 16 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
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