दूरसंचार कंपनियों को एजीआर में कोई राहत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया।
अक्टूबर-दिसंबर 2024 के लिए भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतकों के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों का समायोजित सकल राजस्व (AGR) सालाना आधार पर 14.89 प्रतिशत बढ़कर 77,934 करोड़ रुपये हो गया।
विश्लेषकों के मुताबिक सरकार द्वारा बकाया राशि को इक्विटी में बदलने से निकट अवधि में वीआईएल को राहत मिली है, लेकिन उसके लिए संरचनात्मक चुनौतियां बनी हुई हैं।
वोडाफोन आइडिया के लिए एक के बाद एक अच्छी खबर आ रही है। अब कंपनी की रेटिंग में सुधार हुआ है। यह सुधार कर्ज कम होने के कारण हुआ है।
कंपनी के निदेशक मंडल की पूंजी जुटाने वाली समिति ने 8 अप्रैल, 2025 को अपनी बैठक में 10 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के निर्गम मूल्य पर 10 रुपये अंकित मूल्य के 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर जारी कर अलॉट किए हैं।
सरकार को ये छूट देते हुए सेबी ने कहा कि फिलहाल भारत सरकार का कंपनी के मैनेजमेंट या बोर्ड में भाग लेने का कोई इरादा नहीं है और टेलीकॉम कंपनी के कंट्रोल में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके अलावा, ऐसी होल्डिंग को पब्लिक शेयरहोल्डिंग के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
पिछले हफ्ते शुक्रवार को 6.81 रुपये के भाव पर बंद हुए वोडाफोन आइडिया के शेयर आज सीधे 10 प्रतिशत की उछाल के साथ 7.49 रुपये के भाव पर खुले थे। कंपनी के शेयरों का भाव अभी भी 52 वीक हाई से काफी नीचे है।
स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने से वोडाफोन आइडिया का कुल लोन लगभग 18 प्रतिशत कम हो जाएगा। सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99% हो जाएगी।
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और अन्य अथॉरिटी से जरूरी आदेश जारी होने के बाद 30 दिनों के भीतर 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 3695 करोड़ इक्विटी शेयर 10 रुपये के इश्यू प्राइस पर जारी करने का निर्देश दिया गया है।
कंपनी के मुताबिक, साल 2024 तक, समूह का बैंकों से बकाया ऋण 2,345 रुपये है। समूह की कुल बकाया राशि 2.27 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि कंपनी निवेश बढ़ा रही है और आने वाली तिमाहियों में पूंजीगत व्यय की गति में तेजी आने वाली है।
वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल की एक बैठक 9 दिसंबर 2024 को होने वाली है। इसमें अन्य बातों के साथ ही वोडाफोन ग्रुप से संबंधित एक या अधिक संस्थाओं को तरजीही आधार पर इक्विटी शेयर और/या परिवर्तनीय प्रतिभूतियां जारी करके 2,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि जहां एक तरफ नई टेक्नोलॉजी के उभार का समर्थन करने और डेटा डेवलपमेंट का समर्थन करने के लिए बड़े निवेश की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ समाज के सभी वर्गों को संपर्क या कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए शुल्क सामर्थ्य को बनाए रखने की भी जरूरत है।
कंपनी ने कहा कि टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण कंपनी को तिमाही आधार पर ग्राहकों का नुकसान उठाना पड़ा। वोडाफोन आइडिया ने 4 जुलाई से मोबाइल सर्विसेज की दरों में 11 से 24 प्रतिशत का इजाफा किया है।
उन्होंने कहा, वोडाफोन-आइडिया ने पहले ही तीन वैश्विक साझेदारों नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग के साथ 3.6 अरब अमेरिकी डॉलर के कैपिटल एक्सपेंडिचर के अगले चरण की घोषणा कर दी है।
सरकार के पास वीआईएल में लगभग 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वीआईएल ने सरकार से 70,000 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये पर राहत की मांग की है।
30 जून, 2024 तक सरकार को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का भुगतान दायित्व 2,09,520 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,39,200 करोड़ रुपये के स्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व और 70,320 करोड़ रुपये की AGR देनदारी शामिल है।
मूंदड़ा ने यह भी बताया कि वीआई करीब 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के लिए कर्जदाताओं के साथ बातचीत के अंतिम चरण में है। उन्होंने कारोबार से मिलने वाले नकदी प्रवाह के जरिए सरकारी बकाया चुकाने की योजना की भी घोषणा की।
कंपनी ने तीन साल की अवधि में नेटवर्क डिवाइस की आपूर्ति के लिए नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग के साथ 3.6 बिलियन डॉलर का सौदा किया है।
वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) अगस्त 2018 में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के विलय से बनी थी। उस समय इसका ग्राहक आधार 40.8 करोड़ था और यह सबसे बड़ी दूरसंचार परिचालक थी। दूरसंचार नियामक ट्राई के आंकड़ों के अनुसार वीआईएल के पास अब 21.5 करोड़ मोबाइल सेवा ग्राहक रह गए हैं।
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