चरणजीत सिंह चन्नी वर्तमान में पंजाब के मुख्यमंत्री हैं और चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3659 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए। 20 सितंबर 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री बने। चन्नी लगातार तीन बार से कांग्रेस के विधायक हैं। अकाली दल और भाजपा की सरकार के समय 2015 से 2016 तक चन्नी पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। चरणजीत सिंह चन्नी रामदसिया सिख समुदाय से हैं। इस समुदाय को दलित सिख के तौर पर जाना जाता है। रामदासिया आम तौर पर उन सिखों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है जिनके पूर्वज दलित थे और उन्होंने सिख धर्म स्वीकार कर लिया। चमकौर साहिब के पास मकरोना कलां गांव में जन्मे चरणजीत ने प्राथमिक शिक्षा सरकारी प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की। उनके पिता का नाम एस. हरसा सिंह और माता अजमेर कौर है। उनके पिता ने अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया, जिसके लिए वे मलेशिया भी चले गए। मलेशिया से लौटने के बाद चन्नी के पिता ने खरड़ शहर में एक टेंट हाउस का व्यवसाय शुरू किया और वहीं बस गए। खरड़ नगर परिषद में चन्नी ने पार्षद का चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी और बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। तत्कालीन मंत्री हरनेक सिंह घंडूआ ने किसी अन्य को नगर परिषद प्रधान बन दिया लेकिन पांच साल बाद चन्नी प्रधान बने। वह दो बार नगर परिषद के अध्यक्ष रहे। इसके बाद चन्नी ने चमकौर साहिब विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया और कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की लेकिन तब उन्हें टिकट नहीं मिली। निर्दलीय चरणजीत सिंह चन्नी ने चमकौर साहिब सीट से विधासनभा चुनाव जीत दर्जकर अपने आपको साबित किया। इसके बाद अकाली दल में शामिल हुए फिर पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेसी हो गए। वह इस सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
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