Friday, May 03, 2024
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"आप कागज लाना, मैं जुबानी बोलूंगा" CM मान की चुनौती को प्रताप सिंह बाजवा ने किया मंजूर, बोले- लाइव किया जाए, रिकॉर्डिंग ना हो

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीजेपी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को राज्य से संबंधित मुद्दे पर एक नवंबर को खुली बहस की चुनौती दी है। सीएम मान के चैलेंज को कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मंजूर कर लिया है।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: October 09, 2023 9:40 IST
भगवंत मान और प्रताप सिंह बाजवा - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO भगवंत मान और प्रताप सिंह बाजवा

सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर विपक्षी दलों की आलोचना के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विपक्षी नेताओं को खुली चुनौती दी है। सीएम भगवंत मान ने रविवार को बीजेपी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को राज्य से संबंधित मुद्दे पर एक नवंबर को खुली बहस की चुनौती दी है। भगवंत मान के इस चैलेंज को कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मंजूर भी कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस बहस को लाइव किया जाए, रिकॉर्डिंग ना हो।

भगवंत मान ने क्या कहा?

भगवंत मान ने चुनौती देते हुए कहा, "बीजेपी प्रधान जाखड़ जी, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस के राजा वडिंग-प्रताप बाजवा जी को मेरा खुला निमंत्रण है कि रोज-रोज की किच-किच के बजाय एक बार आएं और पंजाबियों व मीडिया के सामने बैठकर राज्य को अब तक किसने कैसे लूटा, भाई-भतीजे, साले-जीजे, मित्र-मुलाहजे, टोल-प्लाजे, जवानी-किसानी, व्यापार-दुकानदार, गुरुओं की बाणी, नहरों का पानी..सभी मुद्दों पर लाइव बहस करें। आप अपने साथ कागज भी ला सकते हो, लेकिन मैं मुंह जुबानी बोलूंगा। 1 नवंबर 'पंजाब दिवस' वाला दिन ठीक रहेगा, आपको तैयारी के लिए समय भी मिल जाएगा। मेरी तो पूरी तैयारी है, क्योंकि सच बोलने के लिए रट्टे नहीं लगाने पड़ते।"

सीएम की चुनौती पर कांग्रेस नेता 

मुख्यमंत्री मान ने कहा, "देश में पहली बार हो रहा है जब सीएम खुद विपक्ष को बुला रहा है कि आइए डिबेट करिए। 20-25 दिन का समय दे दिया, क्योंकि उनको तैयारी करनी पड़ेगी कि कौन किसी पार्टी में था। आजकल किसी और पार्टी में हैं, तो थोड़ा उनको डाउनलोड होने में टाइम लगेगा। जो कांग्रेस के प्रधान थे अभी बीजेपी के प्रधान हैं, शिफ्टिंग में टाइम तो लगता है।" भगवंत मान की इस चुनौती को मंजूर करते हुए कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का चैलेंज स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि बहस में मॉडरेटर सुप्रीम कोर्ट के कोई रिटायर्ड पंजाबी जज हों और मौके पर पंजाब पुलिस की बजाय चंडीगढ़ पुलिस की तैनाती हो। 

बाजवा बोले- चंडीगढ़ का वेन्यू चुना जाए

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने चैलेंज स्वीकारते हुए कहा, "ये बहस कॉमन प्लैटफार्म पर हो। हमारे पास बड़े ऑडिटोरियम हैं और चंडीगढ़ का वेन्यू चुना जाए। निष्पक्षता हो, पंजाब पुलिस लोगों को डराने और धमकाने के लिए मशहूर है, जो कि इधर नहीं होगी। इधर, यूनियन टेरिटरी की पुलिस चंडीगढ़ पुलिस होनी चाहिए। डिबेट को मॉडिएटर जो हों वो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड पंजाबी जज या हाई कोर्ट के कोई जज हों जो चंडीगढ़ से हों और चारों पार्टियों को कबूल हो। जज इंडिपेंडेंट होना चाहिए जो एकतरफा बात न करें। इस डिबेट को लाइव कवर किया जाए, रिकॉर्डिंग न हो" 

क्या बोलीं हरसिमरत कौर बादल? 

वहीं, बठिंडा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भगवंत मान को शब्दों का सौदागर बताया। उन्होंने कहा कि अब वह विरोधियों को अपने साथ बैठकर बहस करने का निमंत्रण दे रहे हैं, इतना तो वो खुद बता दें कि आज से 4 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में घुटने टेककर उन्होंने ऐसा क्यों किया, जो कि पंजाब के लोगों के लिए बड़ी बात थी। आपने अपने विश्वास के साथ विश्वासघात क्यों किया? हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी को लेकर सरगना अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि जो शराब पॉलिसी दिल्ली में लागू की गई वही पंजाब में भी लागू की गई। बता दें कि SYL नहर के मुद्दे पर 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें भगवंत मान की सरकार पर विपक्षी दलों ने पंजाब का पक्ष ठीक से नहीं रखने और दोहरे रवैये अपनाने का आरोप लगाया है।

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