Wednesday, April 24, 2024
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Chhath puja 2022 : इस बार छठ पर बन रहा दुर्लभ योग, ऐसे करें नहाए खाए से शुरुआत

Chhath Puja 2022: इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी कि 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाए से छठ का आरंभ होगा और सप्तमी तिथि 31 अक्टूबर 2022 को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा।

Poonam Shukla Written By: Poonam Shukla
Updated on: September 20, 2022 11:23 IST
indiatv- India TV Hindi
Image Source : CHHATH PUJA Chhath puja

Chhath Puja 2022: भारत में बहुत सी जगह में छठ पूजा बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है। इस बार छठ पूजा 30 अक्टूबर 2022 को है। बता दें छठ पूजा चार दिनों तक चलती है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय परंपरा से होती है। इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी कि 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाए से छठ का आरंभ होगा और सप्तमी तिथि 31 अक्टूबर 2022 को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा। 

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बता दें कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय खाए की परंपरा निभाई जाती है। इस बार  दुर्लभ योग बन रहा है। 28 अक्टूबर 2022 से छठ पूजा का आरंभ होगा। कहा जाता है की  छठ पूजा में सच्चे मन के साथ -साथ हर परंपरा में पवित्रता का जरूर ध्यान रखना होता है। इस पूजा में सबसे पहले नहाए खाए की परंपरा होती है जिसका मतलब है स्नान कर भोजन करना। इस परंपरा में व्रती नदी या तालाब में स्नान कर कच्चे चावल का भात, चनादाल और कद्दू (लैकी या घीया) प्रसाद के रूप में बनाकर ग्रहण करती हैं। इस दिन एक समय नमक वाला भोजन किया जाता है। मूल रूप से नहाए खाए का संबंध शुद्धता से है। इसमें व्रती खुद को सात्विक और पवित्र कर छठ का व्रत रखते है।

खरना- 29 अक्टूबर 2022, शनिवार

दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को भक्त दिनभर का उपवास रखते हैं और शाम को भोजन करते हैं। इसे 'खरना' कहा जाता है। खरना के प्रसाद के रूप में गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। खीर ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का व्रत रखा जाता है। 

छठ पूजा का तृतीय दिन

डूबते सूर्य को अर्घ्य: 30 अक्टूबर 2022, रविवार 

कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि छठ पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। सायंकाल को पूरी तैयारी और व्यवस्था कर बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार तथा पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट की ओर जाते हैं। सभी छठव्रती तालाब या नदी किनारे सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं। सूर्यास्त का समय: सायं  5:37

छठ पूजा का चौथा दिन 

उगते सूर्य को अर्घ्य- 31 अक्टूबर 2022, सोमवार  
चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले भक्त पानी में खड़े हो जाते हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद लोग प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करते हैं। सूर्योदय का समय: प्रातः  06:31

नहाए खाए के नियम

  1. नहाए खाए के दिन व्रती पूरे घर की अच्छी तरह सफाई करें।
  2. इस पूजा में शुद्धता का विशेष महत्व है।
  3. व्रतियों के भी पवित्र नदी या तालाब में स्नान का विधान है।
  4. सिर्फ एक ही बार भोजन ग्रहण करते हैं।
  5.  साफ-सफाई और शुद्धता के साथ पहले दिन का नमक युक्त भोजन बनाया जाता है।
  6. छठ के चारों दिन जो घर में व्रत नहीं रखते उन्हें भी सात्विक भोजन करना होता है। मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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