
Magh Gupt Navratri: 30 जनवरी से शुरू हुई माह मास की गुप्त नवरात्रि अब अपने समापन की ओर है, 7 फरवरी को इस नवरात्रि की समाप्ति हो जाएगी। ऐसे में आज 6 फरवरी को गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि मनाई जा रही है, जिसका काफी महत्व होता है। नवरात्रि में दान-पुण्य का भी काफी महत्व है। ऐसे इस मौके पर आइए जानते हैं कि इस नवरात्रि में क्या दान देना शुभ है और दान देते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
क्या करना चाहिए दान?
- गुप्त नवरात्रि की अवधि में अनाज दान देना बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि अन्न दान देने से जातक को सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में व्रतधारी को गरीब और जरूरतमंद को गेहूं,चावल आदि दान करना चाहिए। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती है, और साधक पर विशेष कृपा बरसाती हैं।
- नवरात्रि के दौरान माता रानी को लाल चंदन व कुमकुम चढ़ाने के साथ ही साधक को इसका भी दान देना काफी उत्तम माना गया है। माना जाता है कि विवाहित व्रतधारी के ऐसा करने से उनके वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती है।
- गुप्त नवरात्रि के दौरान काला तिल, तिल का लड्डू या फिर तिल व गुड़ से बनी कोई अन्य चीज जरूर दान करनी चाहिए। ऐसा करने से साधक के जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति लौट आती है।
- साधक को इस नवरात्रि के दौरान वस्त्र दान भी करना चाहिए। माना जाता है कि माता रानी को पीला और लाल वस्त्र अति प्रिय है, ऐसे में लाल या पीला वस्त्र दान देने से साधक पर मां की कृपा बरसती है।
- साधक को सोने-चांदी के गहने भी जरूर दान करने चाहिए, इससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- इसके अलावा महिलाओं को चूड़ी, बिंदी, नेल पॉलिस आदि सुहाग से जुड़ी चीजें भी दान देनी चाहिए, इससे साधक का वैवाहिक जीवन बेहतर होगा और सुहाग पर सौभाग्य बना रहेगा।
साधक को दान देते समय क्या मंत्र बोलना चाहिए
गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि पर दान देते समय "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" करते रहना चाहिए। इससे साधक को मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है और उस पर व उसके परिवार पर मां की कृपा बरसती रहती है।