Saturday, April 27, 2024
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Janmashtami 2023: मथुरा समेत देशभर में आज मनाई जा रही है जन्माष्टमी, जानें किस विधि और शुभ मुहूर्त में करें भगवान कृष्ण की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल

Krishna Janmashtami 2023: आज घर-घर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अगर आप भी जन्माष्टमी मनाने वाले हैं तो जान लीजिए कृष्ण जी की पूजा के लिए क्या शुभ मुहूर्त है। साथ ही जानिए कि किस विधि के साथ कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करना अधिक फलदायी होगा।

Vineeta Mandal Written By: Vineeta Mandal
Updated on: September 07, 2023 9:55 IST
 Krishna Janmashtami 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Krishna Janmashtami 2023

Janmashtami 2023: आज यानी 7 सितंबर को मथुरा समेत पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी की पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पावन मौके पर मंदिर से लेकर घरों तक में खास तैयारी की जा रही है। गुरुवार रात 12 बजे बाल गोपाल का जन्म कराया जाएगा, उसके बाद विधि विधान के साथ कान्हा का श्रृंगार और पूजन किया जाएगा। विधिवत श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी मनोकामना की पूरी होती है। जन्माष्टमी की असल रौनक बृज की धरती पर देखने को मिलती है खासतौर से मथुरा में दूर-दूर से लोग कृष्ण जन्मोत्सव देखने के लिए यहां जुटते हैं। जन्माष्टमी की मौके पर मथुरा के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। बता दें कि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। 

जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त

  • भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ- 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से 
  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त- 7 सितंबर 2023 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर 
  • रोहिणी नक्षत्र-  6 सितंबर को सुबह 09 बजकर 20 मिनट से 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक
  • भगवान कृष्ण पूजा का समय - 7 सितंबर 2023 को  11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि

  • जन्माष्टमी के दिन प्रात:काल स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।
  • कान्हा जी की पूजा करने के बाद जन्माष्टमी व्रत का संकल्प लें।
  • जन्माष्टमी का व्रत निर्जला रखा जाता है तो संभव हो तो पानी भी न पिएं।
  • इसके बाद रात 12 बजे लड्डू गोपाल का जन्म करवाएं।
  • फिर नन्हें कान्हा का दही, तुलसी, शहद, घी, गंगाजल से अभिषेक करें।
  • अब बाल गोपाल को साफ कपड़े से पोंछकर नए वस्त्र और गहने पहनाएं। 
  • श्रृंगार करने के बाद कान्हा जी को झूले में या चौकी पर विराजमान करें। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा जरूर बिछाएं।
  • फिर धूप, दीप, फल, फूल, अक्षत, सिंदूर, चंदन और तुलसी की माला अर्पित करें
  • अब घी का दीपक जलाकर कृष्ण जी की आरती करें। 
  • आरती के बाद यशोदा के लाल को पंजीरी, माखन-मिश्री, खीर, मखाना, खीरा, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • कृष्ण जी के मंत्रों के जाप के साथ जन्माष्टमी की पूजा संपन्न करें। 
  • भगवान कृष्ण के सामने हाथ जोड़ गलती की माफी मांग अपनी मनोकामना की पूर्ति की कामना करें। 
  • जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी के राधा रानी, यशोदा, देवकी, नंद, वासुदेव जी और गाय माता की भी पूजा की जाती है।

श्री कृष्ण मंत्र

  • ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
  • ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।  सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
  • हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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