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Mahakumbh 2025: महाकुंभ स्नान के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, धुल जाएंगे आपके पाप

Mahakumbh: महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में लोग आ रहे हैं और आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। श्रद्धालुओं को स्नान करते वक्त कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jan 20, 2025 06:53 am IST, Updated : Jan 20, 2025 06:53 am IST
महाकुंभ- India TV Hindi
Image Source : PTI महाकुंभ

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ का इन दिनों जोर-शोर से पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। करोड़ों की संख्या में लोग आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। महाकुंभ को धार्मिक मेले के साथ ही भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और एकता का महासंगम भी कहा गया है। इस बार यह महाकुंभ आयोजन संगम तट पर यानी प्रयागराज में लगा है। महाकुंभ को आत्मशुद्धि और मोक्ष का द्वारा माना गया है। माना जाता है कि महाकुंभ भूमि पर पांव रखने मात्र से जीव के पाप धूल जाते हैं। लोग यहा दूर-दराज से महाकुंभ स्नान के लिए एकत्रित हो रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाकुंभ स्नान के दौरान श्रद्धालुओं मंत्रों का जाप भी करते रहना चाहिए।

स्नान के दौरान किन मंत्रों का करें जाप?

कहा जाता है कि मंत्र वेदों की ऋचाएं हैं, जो देवी-देवताओं का आह्वान करने का जरिया बनते हैं। ऐसे में स्नान के दौरान मां गंगा की स्तुति जरूर करनी चाहिए। साथ ही भगवान शिव जी के कुछ खास मंत्रों का भी जाप करें। इससे आप देवी-देवताओं का जल्दी खुश कर पाएंगे और आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होगी। पुराणों और शास्त्रों में कुछ मंत्र बताए गए हैं, जिनके पाठ से गंगा मां प्रसन्न हो जाती है। माना जाता है कि मां गंगा ने स्वयं वचन दिया था कि जब किसी भी शुभ कार्य के लिए उनका आह्वान किया जाएगा तो वे जातक के कल्याण के लिए जरूर आएंगे।

1. गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।

नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।

2. गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।

3. ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।

कुछ इसी तरह गंगा स्रोत का गंगेय श्लोक भी बेहद पवित्र माना गया है। इस श्लोक मंत्र में माँ गंगा की पवित्रता का बखान किया गया है और अपने पापों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई है।

गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् । 
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ॥ 
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे । 
शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥

इसके अलावा, जिन श्रद्धालुओं को ये मंत्र याद नहीं रहते वे महादेव के मंत्र बोल सकते हैं। माना जाता है कि मां गंगा इससे प्रसन्न होती हैं।

ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। 
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

इसके अतिरिक्त जातक 'ॐ नमः शिवाय' का भी जाप कर सकते हैं। इस शिव वंदना के लिए पावरफुल मंत्रों में गिना जाता है। 

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