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Navratri 2024: नवरात्रि में इस विधि-विधान के साथ ही बोए जौ, तभी मां भगवती होंगी प्रसन्न, जान लें सही नियम

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के पहले दिन जौ बोने का विधान है। जौ को ज्वारे और खेत्री के नाम से भी जाना जाता है। जौ की पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है। तो यहां जानिए नवरात्रि में जौ बोने की सही विधि और नियम।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Oct 03, 2024 8:34 IST, Updated : Oct 03, 2024 8:34 IST
Navratri 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Navratri 2024

Navratri 2024: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं, जो कि 12 अक्टूबर को समाप्त होंगे। इसी दिन दुर्गा विसर्जन के साथ विजयादशमी का त्यौहार भी मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और यह प्रमुख पर्वों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा धरती लोक पर आती हैं और भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं। माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के उपाय अपनाते हैं। वहीं नवरात्रि के दिन पहले दिन कलश स्थापना और जौ बोने का विधान है। तो आइए जानते हैं कि किसी विधि और नियम के साथ जौ बोना चाहिए। साथ ही जानेंगे इसके महत्व के बारे में। 

नवरात्रि में जौ क्यों बोया जाता है?

नवरात्रि के पहले दिन जौ बोने की परंपरा है, जिसे ज्वार या खैत्री भी कहा जाता है।  जौ को पूजा पाठ में सबसे पवित्र अन्न माना जाता है। इसे बोने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। साथ ही यह समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। 

नवरात्रि में इस विधि के साथ बोए जौ

सबसे पहले स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें और फिर इसके बाद मंदिर या पूजा घर को साफ कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें। अब जौ बोने के लिए मिट्टी का एक पात्र लें और उसे साफ करें और गंगाजल से पवित्र कर लें। फिर साफ मिट्टी की एक परत बिछाएं और उसपर जौ के दानों परत बनाकर फिर से मिट्टी की परत चढ़ा दें। मिट्टी के पात्र के नीचे स्वास्तिक बनाकर उस पर पात्र रखें। पात्र के चारों तरफ मोली बांधकर पारत्र सतिया बनाकर टीका और अक्षत लगाएं। अब इस पात्र को देवी मां की मूर्ति या तस्वीर के सामने रख दें। नवरात्रि के पहले दिन इस पात्र में साफ पानी डालें। जौ और पानी की मात्रा पात्र के हिसाब से ही डालें। 

जौ पूजा का महत्व

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के समय जौ यानी खेत्री देवी की भी पूजा साथ-साथ करें। खेत्री देवी दुर्गा का शाकुम्बरी का स्वरूप माना जाता है, जो सुख समृद्धि लाने वाली है। इसकी पूजा से घर का वातावरण पवित्र होता है और खुशहाली आती है। 

जौ पूजन नियम

  • जौ की मात्रा पात्र यानी बर्तन के आकार के अनुसार ही लें और पानी भी उसी मात्रा में डालें। 
  • नवरात्रि के हर दिन पूजा के बाद जौ को आरती दिखाएं और जल सी सीचें। 
  • जौ यानी खेत्री माता को प्रणाम कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें। 
  • नवरात्रि के आखिरी दिन खेत्री मां से पूजा के दौरान हुई भूलचूक के लिए माफी मांगते हुए कुछ जौ माता को अर्पित करें। 
  • कुछ जौ परिवार के सदस्यों को दें, कुछ तिजोरी में रख लें और बाकी साफ जल, नदी, तालाब आदि में विसर्जित कर दें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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