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Papankusha Ekadashi 2024: अक्टूबर में इस दिन रखा जाएगा एकादशी का व्रत, जानें पापांकुशा एकादशी की डेट और मुहूर्त

Papankusha Ekadashi 2024: हिंदू धर्म एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Oct 07, 2024 16:22 IST, Updated : Oct 07, 2024 18:10 IST
Papankusha Ekadashi 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Papankusha Ekadashi 2024

Papankusha Ekadashi 2024 Date: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापाकुंशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। एकादशी के दिन विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से प्रभु नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापाकुंशा एकादशी का व्रत करने से हर तरह के पाप मिट जाते हैं और धन-धान्य, सुख-समृद्धि की प्राति होती है। तो आइए जानते हैं कि अक्टूबर में पापाकुंशा का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ क्या रहेगा।

पापाकुंशा एकादशी व्रत 2024 तिथि और मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट से होगा। एकादशी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर होगा। पापाकुंशा एकादशी का व्रत 13 अक्टूबर, रविवार को रखा जाएगा। 

पापाकुंशा एकादशी व्रत 2024 पारण का समय

पापाकुंशा एकादशी व्रत का पारण 14 अक्टूबर को किया जाएगा। बता दें कि एकादशी का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। एकादशी का पारण 14 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से दोपहर 3 बजकर 54 मिनट के बीच किया जाएगा। एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। पारण तिथि के दिन हरि वासर सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर होगा।

एकादशी दिन भगवान विष्णु के इन मंत्रों का करें जाप

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
  • ॐ नमोः नारायणाय नमः।
  • ॐ विष्णवे नम:
  • ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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