
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित पर्व है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर विधिपूर्वक पूजन व व्रत करने वाले जातक पर भगवान शिव अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही व्रत करने से आरोग्य की भी प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत की पूजा करने से घर में सुख-समृ्द्धि बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन मंत्रों से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं....
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 23 जून के दिन प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। वहीं, सोमवार दिन होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है, साथ ही शिव परिवार की पूजा-अर्चना भी की जाती है। माना जाता है कि सच्चे मन से पूजा की जाए तो जीवन की सभी दोष और बाधाएं दूर हो जाती है। साथ ही जातक के सभी ग्रह दोष भी शांत होते हैं।
प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
शिव नामावली मंत्र
- श्री शिवाय नम:
- श्री शंकराय नम:
- श्री महेश्वराय नम:
- श्री सांबसदाशिवाय नम:
- श्री रुद्राय नम:
- ॐ महादेवाय नमः
- ॐ कार्तिकेय नमः
- ॐ पार्वती नमः
शिव बीज मंत्र
- ॐ हौं जूं सः
रुद्र मंत्र:
- ॐ नमो भगवते रुद्राय
- ॐ नम: शिवाय
- ॐ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः। सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः।
- ॐ नमो भवाय शर्वाय रुद्राय वरदाय च। पशुनां पतये नित्यं उग्राय च कपर्दिने॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)