
Shani Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाया जाता है। शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन ही भगवान शनि देव का जन्म हुआ था। शनि जयंती के दिन व्रत करने का भी विधान है। इसके साथ ही इस दिन मंदिर जाकर भगवान शनि देव की पूजा-अर्चना करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस साल शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी। तो चलिए अब जानते हैं कि शनि जयंती के दिन किन कार्यों को करने से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे दोष से मुक्ति मिलती है।
शनि जयंती के दिन करें ये काम, साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव होगा कम
1. शनि जयंती के दिन शनि मंदिर जाकर सूर्य पुत्र शनि देव को सरसों का तेल और काला तिल चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शनि दोष से छुटकारा मिलता है।
2. शनि जयंती के दिन सुबह के समय पीपल पेड़ में जल चढ़ाएं और शाम के समय सरसों तेल का दीया जलाएं। पीपल पेड़ की पूजा करने से भी शनि साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
3. अगर आपकी कुंडली में शनि साढ़ेसाती या ढैय्या जैसे दोष है तो शनि जयंती के दिन, हवन, होम और यज्ञ करवाएं। इस दिन ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
4. कुंडली में साढ़े साती जैसे शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शनि तैलाभिषेकम और शनि शांति पूजा करें। ये शनि जयंती के दिन किया जाने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठानों माना जाता है।
5. शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि जयंती के दिन सरसों तेल का दान करें। साथ ही गरीब और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, काला तिल, उड़द दाल, लोहे की वस्तुएं, जूते-चप्पल आदि जरूरी चीजों का दान करें।
6. शनि दोषों से छुटकारा पाने के लिए शनि जयंती के दिन शनि देव के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें। शनि अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना बहुत ही शुभ और फलदायी होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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