
Varuthini Ekadashi 2025 Paran Muhurat: प्रत्येक माह में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है एक शुक्ल और दूसरा कृष्ण पक्ष में। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल को रखा गया। बता दें कि वैशाख माह में आने वाली वरुथिनी एकादशी का विशेष महत्व है। दरअसल, यह मास विष्णु जी का प्रिय माना जाता है। ऐसे में वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ प्रभु श्री हरि नारायण की खास कृपा प्राप्त होती है।
वरुथिनी एकादशी 2025 पारण का समय
एकादशी व्रत में पारण का बहुत अधिक महत्व है। एकादशी का पारण शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। वरुथिनी एकादशी का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। पारण का मतलब है व्रत खोलना। वरुथिनी एकादशी पारण के लिए शुभ समय 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 14 मिनट से सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 11 बजकर 44 मिनट रहेगा। बता दें कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक माना गया है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के में पारण न करना पाप करने के समान होता है।
एकादशी व्रत पारण नियम
- एकादशी का व्रत दूसरे दिन सूर्योदय के बाद ही खोला जाता है।
- एकादशी व्रत का पारण शुभ समय और मुहूर्त में ही करें।
- एकादशी के पारण के दिन भी विष्णु जी की पूजा विधिपूर्वक करें और भोग अर्पित करें।
- पूजा के बाद ही एकादशी का पारण करें।
- कुछ अन्न या नमक खाने से पहले तुलसी का प्रसाद ग्रहण करें।
- तुलसी के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
- एकादशी पारण के दिन भी सात्विक आहार ही खाएं।
- एकादशी पारण के दिन तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी न करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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