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महाकुंभ 2025 का समापन कब होगा? जानें यहां दिन, तारीख और शुभ मुहूर्त

13 जनवरी को आरंभ हुए महाकुंभ में अब तक 48.29 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है, ऐसे में अब भी महाकुंभ का आखिरी स्नान बाकी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि महाकुंभ 2025 का समापन कब होगा?

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Feb 13, 2025 10:04 IST, Updated : Feb 13, 2025 10:04 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : PTI महाकुंभ

बीते दिन माघ पूर्णिमा में महाकुंभ स्नान के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी। साथ ही कल्पवासियों ने भी कल स्नान कर अपना पारण किया। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के बाद नागा साधु अपने-अपने गंतव्य की ओर जा चुके हैं और अब प्रयागराज में लगा यह महाकुंभ अपने समापन की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहा है।  प्रशासन के मुताबिक, माघ पूर्णिमा पर रात 8 बजे तक कुल 2.04 लोगों ने स्नान किया। जबकि 12 फरवरी तक कुल 48.29 करोड़ ने महाकुंभ में स्नान किया। ऐसे में लोगों के मन में सवाल कौंध रहा कि आखिर महाकुंभ 2025 का समापन कब होगा?

अगला बड़ा स्नान कब?

महाकुंभ 2025 का आरंभ 13 जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू हुई थी, इसी दिन से कल्पवासियों ने भी अपना कल्पवास शुरू किया था, जो बीते दिन माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद खत्म हो गया। बता दें कि इस महाकुंभ में 10 लाख से ज्यादा कल्पवासियों ने कल्पवास किया है। वहीं, महाशिवरात्रि पर्व पर महाकुंभ का अगला बड़ा स्नान पड़ रहा है। इस दिन भी करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के स्नान करने की उम्मीद जताई जा रही है।

कब होगा महाकुंभ का समापन?

13 जनवरी की पौष पूर्णिमा को आरंभ हुए महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा। इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। साथ ईशान संहिता के मुताबिक इसी दिन भगवान ने शिव ने निराकार रूप से साकार रूप लिया था। आप और हम इसे महाशिवरात्रि के नाम से जानते हैं। इस दिन देश भर के शिवमंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहेगा। साथ ही संगम तट पर भी करोड़ों की संख्या में लोग महाकुंभ के बड़े स्नान के लिए आएंगे।

इस दिन को बेहद शुभ माना गया है। फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को 11.08 बजे होगी और समापन अगले दिन सुबह 08.54 बजे होगा। चूंकि भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में किया जाता है, इसलिए 26 फरवरी की शाम को रात्रि के 4 पहर भोलेनाथ की पूजा करने से शुभफलों की प्राप्ति होती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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