Thursday, May 02, 2024
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देव दिवाली के संग कार्तिक पूर्णिमा मनाने का विधान, फिर क्यों इस बार अलग-अलग मनेंगे ये पर्व, जानिए इसकी वजह

प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने का विधान है। इस बार देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा अलग-अलग दिन क्यों मनाई जा रही है। आइए जानते हैं हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार ऐसा इस बार क्यों हो रहा है और देव दीपावली के साथ कार्तिक पूर्णिमा क्यों नहीं मनाई जाएगी।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: November 25, 2023 16:01 IST
Dev Diwali Kartik Purnima 2023:- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Dev Diwali Kartik Purnima 2023:

Dev Diwali Kartik Purnima 2023: हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार देव दीपावली और कार्तिक मास की पूर्णिमा एक साथ ही मनाएं जाने का विधान है। या यूं कहें कि कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन देव दीपावली मनाई जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार देव दीपावली कार्तिक मास की पूर्णिमा से एक दिन पहले मनाई जाएगी। देव दीपावली 26 नवंबर 2023 दिन रविवार यानी कल मनाई जाएगी।

लोग इस बार त्योहारों को लेकर कर बड़ी असमंजस में पड़ गए हैं कि कौन सा त्योहार कब मनाया जाएं। फिलहाल हिंदू धर्म में तिथियों को ध्यान में रखते हुए त्योहार मनाया जाता है। इस बार भी देवी दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा में तिथि और मुहूर्त का ही फर्क है। आइए आपको बताते हैं कि देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा क्यों इस बार अलग-अलग मनाए जाएंगे।

देव दीपावीली और कार्तिक पूर्णिम के बीच मुहूर्त बना अंतर

  • वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर 2023 दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और 27 नवंबर 2023 दन सोमवार को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। उसके बाद पूर्णिमा तिथि का समापन हो जाएगा। 
  • मुख्य रूप से यह दोनों त्योहार एक दिन ही मनाए जानें चाहिएं। लेकिन तिथियों और मुहूर्तों की फेरबदल के कारण ये अलग-अलग मनाए जा रहे हैं।
  • हिंदू धर्म में किसी भी त्योहार के व्रत, संकल्प और अनुष्ठान को हमेशा उदयातिथि के अनुसार किया जाता है। उदयातिथि का मतलब मुख्य पर्व की तिथि के प्रातःकाल वाले समय से है। अब कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 26 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 53 से शुरू होगी। इस कारण इसका स्नान-दान और व्रत 27 नवंबर 2023 के दिन उदयातिथि को सुबह के समय किया जाएगा। 
  • बात करें देव दीपावली की तो इस पर्व को 26 नवंबर 2023 को पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाएगा। यानी 26 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 53 से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी और शाम को देव दीपावली प्रदोष काल के अंतर्गत मनाई जाएगी। बस कार्तिक पूर्णिमा का  स्नान उदयातिथि से मान्य माना जाएगा जो 27 नवंबर 2023 दिन सोमवार को पड़ रही है।

एक बार फिर से देव दीपावली का मुहूर्त नोट कर लें

वैदिक पंचांग के अनुसार देव दीपावली 26 नवंबर 2023 दिन रविवार को पूजा का समय शाम 5 बजकर 8 मिनट से लेकर 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। यह समय प्रदोष काल का है जिसके अंतर्गत देव दीपावली मनाई जाएगी क्योंकि पहले से ही पूर्णिमा तिथि लग चुकी है और यह प्रदोष काल में ही देव दीपावली मनाई जाती है। तो इस लिहाज से देखा जाए तो यह पर्व पूर्णिमा तिथि के अंतर्गत ही मनाया जाएगा क्योंकि 27 नवंबर को कोई भी प्रदोष काल का समय नहीं है। देव दीपावली मनाने के लिए प्रदोष काल के मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटा 39 मिनट तक रहेगी। इस मुहूर्त के अनुसार आप देव दीपावली की पूजा कर सकते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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