Thursday, July 17, 2025
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Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी आज, इन मंत्रों के जप से हर परेशानी होगी दूर

योगिनी एकादशी आज मनाई जा रही है, आज का खास दिन भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। ऐसे में आज जातकों को कुछ मंत्रों का जप करना फलकारी साबित होगा।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jun 21, 2025 7:01 IST, Updated : Jun 21, 2025 7:01 IST
योगिनी एकादशी
Image Source : INDIA TV योगिनी एकादशी

हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी को बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है, यह हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में आती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल योगिनी एकादशी आज यानी 21 जून को मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जातक के जीवन में खुशहाली आती है। इसके अलावा, इस दिन भगवान विष्णु के कुछ मंत्रों के जप से हर परेशानी दूर की जा सकती है।

योगिनी एकादशी तिथि

21 जून की सुबह 07.18 बजे योगिनी एकादशी तिथि आरंभ हो रही है। वहीं, 22 जून की सुबह 04.27 बजे तिथि खत्म होगी। उदया तिथि की मान्यता के कारण यह तिथि 21 जून को मनाई जा रही है।

शुभ मूहुर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04.04 बजे से 04.44 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11.55 बजे से 12.51 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02.43 बजे से 03.39 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 07.21 बजे से 07.41 बजे तक
  • अमृत काल: दोपहर 01.12 बजे से 02.41 बजे तक

पारण का समय

दिन भर व्रत रखने के लिए जातक 22 जून को पारण कर सकता है। पंचांग के मुताबिक, योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 22 जून को दोपहर 01.47 से शाम 04.35 बजे तक है।

भगवान विष्णु के मंत्र

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
  • ॐ नमो नारायणाय:
  • शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
  • ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्:
  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।:
  • ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।:
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।:
  • ॐ श्रीं लक्ष्मी-नारायणाय नम:
  • कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।
  •  ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
  • अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय 

    त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
    श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।।
    ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व आमय
    विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

 

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