Navratri Aarti Lyrics PDF (अम्बे तू है जगदम्बे काली) Live: शारदीय नवरात्रि पर्व शुरू हो गया है और अब 2 अक्तूबर 2025 तक घर-घर में मां अंबे की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। सुबह-शाम माता के मंत्रों और आरती का गान किया जाएगा। माता के भजन सुने जाएंगे। कुल मिलाकर माहौल पूरा भक्तिमय रहेगा। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में भक्त घर में कलश स्थापित करेंगे और फिर नौ दिनों तक माता रानी की पूजा करने का संकल्प लेंगे। लेकिन सुबह-शाम की पूजा में माता रानी की आरती करना बिल्कुल भी न भूलें। यहां हम आपको बताएंगे नवरात्रि में कौन-कौन सी आरती जरूर करनी चाहिए।
अम्बे तू है जगदम्बे काली (Maa Durga Maa Kali Aarti)
- अम्बे तू है जगदम्बे काली,
- जय दुर्गे खप्पर वाली ।
- तेरे ही गुण गाये भारती,
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- तेरे भक्त जनो पर,
- भीर पडी है भारी माँ ।
- दानव दल पर टूट पडो,
- माँ करके सिंह सवारी ।
- सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
- अष्ट भुजाओ वाली,
- दुष्टो को पलमे संहारती ।
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- अम्बे तू है जगदम्बे काली,
- जय दुर्गे खप्पर वाली ।
- तेरे ही गुण गाये भारती,
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- माँ बेटे का है इस जग मे,
- बडा ही निर्मल नाता ।
- पूत - कपूत सुने है पर न,
- माता सुनी कुमाता ॥
- सब पे करूणा दरसाने वाली,
- अमृत बरसाने वाली,
- दुखियो के दुखडे निवारती ।
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- अम्बे तू है जगदम्बे काली,
- जय दुर्गे खप्पर वाली ।
- तेरे ही गुण गाये भारती,
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- नही मांगते धन और दौलत,
- न चांदी न सोना माँ ।
- हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
- इक छोटा सा कोना ॥
- सबकी बिगडी बनाने वाली,
- लाज बचाने वाली,
- सतियो के सत को सवांरती ।
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- अम्बे तू है जगदम्बे काली,
- जय दुर्गे खप्पर वाली ।
- तेरे ही गुण गाये भारती,
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- चरण शरण मे खडे तुम्हारी,
- ले पूजा की थाली ।
- वरद हस्त सर पर रख दो,
- मॉ सकंट हरने वाली ।
- मॉ भर दो भक्ति रस प्याली,
- अष्ट भुजाओ वाली,
- भक्तो के कारज तू ही सारती ।
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
- अम्बे तू है जगदम्बे काली,
- जय दुर्गे खप्पर वाली ।
- तेरे ही गुण गाये भारती,
- ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)
- जय अम्बे गौरी,
- मैया जय श्यामा गौरी ।
- तुमको निशदिन ध्यावत,
- हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- मांग सिंदूर विराजत,
- टीको मृगमद को ।
- उज्ज्वल से दोउ नैना,
- चंद्रवदन नीको ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- कनक समान कलेवर,
- रक्ताम्बर राजै ।
- रक्तपुष्प गल माला,
- कंठन पर साजै ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- केहरि वाहन राजत,
- खड्ग खप्पर धारी ।
- सुर-नर-मुनिजन सेवत,
- तिनके दुखहारी ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- कानन कुण्डल शोभित,
- नासाग्रे मोती ।
- कोटिक चंद्र दिवाकर,
- सम राजत ज्योती ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- शुंभ-निशुंभ बिदारे,
- महिषासुर घाती ।
- धूम्र विलोचन नैना,
- निशदिन मदमाती ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- चण्ड-मुण्ड संहारे,
- शोणित बीज हरे ।
- मधु-कैटभ दोउ मारे,
- सुर भयहीन करे ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- ब्रह्माणी, रूद्राणी,
- तुम कमला रानी ।
- आगम निगम बखानी,
- तुम शिव पटरानी ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
- नृत्य करत भैरों ।
- बाजत ताल मृदंगा,
- अरू बाजत डमरू ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- तुम ही जग की माता,
- तुम ही हो भरता,
- भक्तन की दुख हरता ।
- सुख संपति करता ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- भुजा चार अति शोभित,
- वर मुद्रा धारी ।
- मनवांछित फल पावत,
- सेवत नर नारी ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- कंचन थाल विराजत,
- अगर कपूर बाती ।
- श्रीमालकेतु में राजत,
- कोटि रतन ज्योती ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- श्री अंबेजी की आरति,
- जो कोइ नर गावे ।
- कहत शिवानंद स्वामी,
- सुख-संपति पावे ॥
- ॐ जय अम्बे गौरी..॥
- जय अम्बे गौरी,
- मैया जय श्यामा गौरी ।