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ऋषि पंचमी मनाई जाएगी 8 सितंबर के दिन, जान लें कैसे करनी चाहिए सप्त ऋषियों की पूजा और महत्व

ऋषि पंचमी साल 2024 में 8 सितंबर के दिन मनाई जाएगी। इस दिन का महत्व क्या है और कैसे इस दिन आपको पूजा करनी चाहिए, आइए जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Sep 07, 2024 20:19 IST, Updated : Sep 07, 2024 20:19 IST
Rishi Panchami - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV ऋषि पंचमी 2024

ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की पूजा का विधान है वर्षों से चला आ रहा है। कई स्थानों पर इस दिन को गुरु पंचमी के रूप में भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन अगर कोई बहन अपने भाई को राखी नहीं बांध पायी है तो इस दिन बांध सकती है। इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा करने से कई शुभ परिणाम जीवन में प्राप्त होते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि ऋषि पंचमी के दिन पूजा कैसी करनी चाहिए और ऋषि पूजन का क्या महत्व है।  

ऋषि पंचमी पूजा विधि

ऋषि पंचमी के दिन पूजा करने से यूं तो हर किसी को लाभ होता है। लेकिन महिलाओं को ऋषि पंचमी के दिन पूजन से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। ऋषि पंचमी के दिन पूजा करने से महिलाओं के सभी पापों का नाश होता है और उनके ज्ञान में वृद्धि होती है। पुरुषों को इस दिन पूजा से बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है। आइए जान लेते हैं कि इस दिन पूजा कैसे करनी है।

  • ऋषि पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें। 
  • पूजा स्थान की सफाई करें और गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध करें। 
  • इस दिन महिलाएं उपवास करती हैं। कुछ महिलाएं फलाहार करती हैं जबकि कुछ निर्जल व्रत करती हैं। वहीं पुरुष भी इस दिन व्रत रख सकते हैं।
  • पूजा स्थल पर इस दिन सप्तऋषियों (वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भारद्वाज) की मूर्तियों या चित्रों की स्थापना अवश्य करनी चाहिए।
  • सप्तऋषियों के साथ ही भगवान गणेश और देवी सरस्वती और अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी आपको पूजा स्थल पर रखनी चाहिए।

पूजा सामग्री   

पूजा शुरू होने से पहले ही आपको रोली, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान-सुपारी, नारियल, गंगाजल और दूर्वा आदि सामग्री एकत्रित कर लेनी चाहिए। पूजा के दौरान इन चीजों को सप्त ऋषियों को अर्पित करें। 

ऐसे करें पूजा  

  • ऋषि पंचमी के दिन सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेश जी का पूजन करें।
  • इसके बाद मन में सप्तऋषियों का ध्यान करें और उन्हें रोली, चावल, फूल अर्पित करें।
  • धूप-दीप जलाएं और सप्तऋषियों के मंत्रों का जप करें।
  • तत्पश्चात सप्त ऋषियों को नैवेद्य अर्पित करें और अंत में आरती करें।
  • इस दिन ऋषि पंचमी की व्रत कथा का वाचन करें या फिर कथा सुनें।
  • सामर्थ्य के अनुसार इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
  • अपने गुरुजनों को भी उपहार इस दिन आप दे सकते हैं।

ऋषि पंचमी व्रत का महत्व

ऋषि पंचमी व्रत का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस व्रत को करने से महिलाओं को पवित्रता की प्राप्ति होती है और वे धर्म के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन कर पाती हैं। ऋषि पंचमी का व्रत भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा रहा है, जो हमें हमारे ऋषि-मुनियों की महानता और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का स्मरण करवाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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