Friday, March 29, 2024
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वसीम जाफर का अनुभव हमारे लिए तोहफा था - विदर्भ कप्तान फैज फजल

2015-16 में विदर्भ टीम से जुड़ने के बाद जाफर ने टीम को दो बार रणजी ट्रॉफी और दो बार ईरानी ट्रॉफी का खिताब दिलाने में अहम योगदान दिया।

IANS Reported by: IANS
Published on: March 07, 2020 18:13 IST
Wasim Jaffer- India TV Hindi
Image Source : GETTY Wasim Jaffer

नई दिल्ली| एक खिलाड़ी कितना महान है इस बात का अंदाजा सिर्फ उसके प्रदर्शन या रिकाडर्स से नहीं लगाया जा सकता है। इस बात की तस्दीक तो वो माहौल करता है जो वो अपने पीछे छोड़ कर जाता है। वसीम जाफर भी ऐसा ही एक नाम है, जो अपने पीछे वो यादें, वो विरासत छोड़कर गए हैं जिन्हें सभी याद रखेंगे।

तकनीक रूप से बेहद मजबूत जाफर ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी।

मुंबई के रहने वाले जाफर अपने करियर के अंतिम वर्षो में विदर्भ के लिए खेले। 2015-16 में इस टीम से जुड़ने के बाद जाफर ने टीम को दो बार रणजी ट्रॉफी और दो बार ईरानी ट्रॉफी का खिताब दिलाने में अहम योगदान दिया। अब जबकि वो जा रहे हैं तो टीम के खिलाड़ियों को निश्चित तौर पर इसकी कमी खलेगी।

विदर्भ के कप्तान फैज फजल ने आईएएनएस से कहा, "हम बेहद भाग्याशाली रहे कि उनके साथ ड्रैसिंग रूम शेयर करने का हमें मौका मिला। उनके साथ हमने काफी कुछ सीखा, न सिर्फ क्रिकेट के बारे में बल्कि मैदान के बाहर भी। वो बेहद मेहनती थे। उन्होंने अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया। उनके साथ जो हमारी यादें हैं वो हम कभी भूलेंगे नहीं।"

उन्होंने कहा, "उनकी जिस तरह की बल्लेबाजी थी उस पर उन्होंने काफी मेहनत की है। वो सिर्फ गॉड गिफ्टेड नहीं थे उस पर उन्होंने काफी मेहनत भी की है।"

एक कप्तान के तौर पर फैज का योगदान विदर्भ की जीत में काफी बड़ा है, लेकिन कई मायने में वो जाफर के बिना अकेले थे। फैज को जब भी जरूरत होती वो जाफर के पास जाते थे और जाफर आगे रहकर फैज की मदद करते थे।

फैज ने कहा, "काफी बार ऐसा होता था कि जब मुझे मदद चाहिए होती तो वो उसके लिए तैयार रहते थे। वो काफी अहम रहा। उनके पास बहुत सारा अनुभव था जिसका फायदा मिला, वो हमारे लिए एक तोहेफ की तरह था।"

कप्तान ने कहा, "उनके रहते टीम के खिलाड़ियों ने काफी सुधार किया। खिलाड़ियों ने इस दौरान काफी कुछ सीखा। उन्होंने साथ रहते हुए जो हमारे लिए किया उसके लिए हम उनके शुक्रगुजार है। उनके बाद अब क्या होगा इसका पता नहीं। उनसे जो सीखा वो आने वाले दिनों में अपने खेल में लागू करेंगे। यह क्रिकेट है, एक आता है तो एक जाता है। उनके साथ हमें बहुत सीखने को मिला है। उनको हम मिस करेंगे।"

वहीं टीम के एक और साथी आदित्य सरवटे ने भी माना कि विदर्भ को उनकी कमी खलेगी और टीम ने उनके रहते काफी कुछ सीखा।

उन्होंने कहा, "उन्होंने टीम की काफी मदद की। वह जब टीम में आए तो विदर्भ बड़ी टीम नहीं थी। उनके आने से रणजी ट्रॉफी जीतने में मदद हुई। वह हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत थे। हम सभी ने उनके साथ काफी कुछ सीखा। एक मेंटॉर के तौर पर उनकी कमी निश्चित तौर पर खलेगी।"

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