Wednesday, May 08, 2024
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ऑस्ट्रेलिया को 19 साल से जीत का इंतजार, कंगारू दिग्गज ने इसे बताया हार का गुनहगार

ऑस्ट्रेलिया को भारतीय जमीन पर पिछली टेस्ट सीरीज जीत 19 साल पहले 2004 में मिली थी। उस सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज करने वाले दिग्गज गेंदबाज का मानना है कि आज की तरह उस वक्त खिलाड़ियों का फोकस पिच को लेकर विवाद खड़े करने पर नहीं होता था। उनका मानना है कि खलल पिच में नहीं बल्कि माइंडसेट में है।

Ranjeet Mishra Written By: Ranjeet Mishra @MishraRanjeet23
Published on: February 18, 2023 16:36 IST
Axar Patel batting on day 2 in second Test against Australia- India TV Hindi
Image Source : GETTY Axar Patel batting on day 2 in second Test against Australia

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली हर टेस्ट सीरीज हाई प्रोफाइल होती है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को वर्ल्ड क्रिकेट में एशेज सीरीज से भी ज्यादा कंपिटिटीव माना जाता है। हर बार की तरह मौजूदा सीरीज में भी दोनों टीमों के बीच तगड़ा कंपिटीशन देखने को मिल रहा है। हालांकि फिलहाल जारी टेस्ट सीरीज की शरुआती चर्चा ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व कंगारू दिग्गजों की गलत सोच के कारण हुई। ऑस्ट्रेलिया की मीडिया और इयान हीली जैसे पूर्व क्रिकेटर्स ने सीरीज के आगाज के पहले से भारतीय पिचों के बारे में अनाप शनाप लिखना और कहना शुरू कर दिया। इससे फर्क कुछ भी नहीं पड़ा। भारतीय जमीन पर पिछले 19 सालों से एक अदद सीरीज जीत के लिए तरस रही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इसबार भी अपने सफर का आगाज नागपुर टेस्ट में हार के साथ किया।  

पिच विवाद से ऑस्ट्रेलिया को कितना नुकसान?

India vs Australia

Image Source : PTI
India vs Australia

आस्ट्रेलिया ने 19 साल पहले भारत में अपनी पिछली टेस्ट सीरीज जीती थी। इस जीत के एक अहम सदस्य माइकल कास्प्रोविच ने बीते प्रदर्शन को याद करते हुए कहा कि वह आस्ट्रेलियाई मीडिया में चल रही पिचों के बारे में लगातार चर्चा को समझ नहीं पा रहे हैं। भारत ने नागपुर में सीरीज के शुरूआती टेस्ट में पारी और 32 रनों से जीत हासिल की। यानी आस्ट्रेलिया को टीम इंडिया को उसकी जमीन पर शिकस्त देने के लिए कुछ जादुई प्रदर्शन करना होगा।

ऑस्ट्रेलिया को 19 साल पहले कैसे मिली जीत?

आस्ट्रेलिया ने 2004 में सीरीज 2-1 से जीती थी जिसमें कास्प्रोविच ने ग्लेन मैकग्रा और जेसन गिलेस्पी के साथ गेंदबाजी करते हुए नौ विकेट झटके थे। लेकिन वह आस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा पिचों के बारे में लगातार चर्चा को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि पिछले कई सालों में भारत में पिचों की प्रकृति में जरा भी बदलाव नहीं हुआ है। कास्प्रोविच के मुताबिक दो दशक पहले अपनी रणनीति के कारण ही वे जीत दर्ज करने में सफल रहे थे।

ऑस्ट्रेलिया की हार का जिम्मेदार कौन?

कास्प्रोविच यहां कमेंटेटेर के तौर पर आए हुए हैं, इस 51 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ग्लेन मैकग्रा और जेसन गिलेस्पी निश्चित रूप से शानदार गेंदबाज थे। मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे 1998 और 2001 में हारी हुई सीरीज में भारत में खेलने के अनुभव के कारण टीम में शामिल किया गया था।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम पिछले दौरों पर जिस तरह से गेंदबाजी किया करते थे, उसे बदल दिया गया है। हम काफी स्ट्रेट गेंदबाजी करते थे। हम बाउंसर का इस्तेमाल मैदान में फील्डर्स को रणनीति के तहत सजाकर किया करते थे।’’ जाहिर बात है कि कास्प्रोविच भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को मिलने वाली लगातार हार से सहज नहीं हैं। वह इसके लिए अपनी टीम और मीडिया के निगेटिव माइंडसेट को दोषी ठहरा रहे हैं।

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