Wednesday, April 24, 2024
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बर्मिंघम में होने वाले 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार नहीं करेगा भारत, मगर रखेगा ये प्रस्ताव

आईओए ने अपनी वार्षिक आम बैठक के दौरान राष्ट्रमंडल खेल 2022 से पहले राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी का प्रस्ताव सौंपने का फैसला किया। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: December 31, 2019 7:38 IST
Birmingham Commonwealth Games 2022- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGE Birmingham Commonwealth Games 2022

नई दिल्ली| भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने निशानेबाजी को हटाए जाने को लेकर 2022 बर्मिंघम खेलों के बहिष्कार की धमकी को वापस लेते हुए ये ऐलान किया कि देश 2026 या 2030 खेलों की मेजबानी की दावेदारी पेश करेगा। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) की सलाह पर आईओए ने यहां अपनी वार्षिक आम बैठक के दौरान राष्ट्रमंडल खेल 2022 से पहले राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी का औपचारिक प्रस्ताव सौंपने का फैसला किया। 

2022 खेलों से निशानेबाजी को हटाए जाने की भरपाई के लिए भारतीय राष्ट्रीय निशानेबाजी संघ और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी संघ ने यह विचार रखा था। आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने एजीएम के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘एजीएम में हमने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी से हटने का फैसला वापस ले लिया है। देश का दल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जाएगा।’’ 

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) की अध्यक्ष डेम लुईस मार्टिन ने भारत के बर्मिंघम खेलों में प्रतिनिधित्व की पुष्टि करने का स्वागत किया है। लुईस मार्टिन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सीजीएफ और पूरा राष्ट्रमंडल खेल अभियान प्रफुल्लित है कि भारत (आईओए) ने नयी दिल्ली में अपनी वार्षिक आम बैठक के दौरान बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 में हिस्सा लेने के अपने इरादे की पुष्टि की है।’’ 

आईओए प्रमुख नरिंदर बत्रा की मौजूदगी में मेहता ने कहा, ‘‘हम साथ ही 2026 या 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेंगे। इस बोली को लेकर आम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया है।’’ 

ओलंपिक खेलों की देश में शीर्ष संस्था आईओए अब राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की जरूरी स्वीकृति लेने के लिए सरकार से संपर्क करेगा। भारत ने 2010 में इन खेलों की मेजबानी की थी। मेहता ने कहा, ‘‘एजीएम में स्वीकृति मिलने के बाद हम सरकार के पास जाएंगे। अंत में फैसला सरकार को ही करना है।’’

रवांडा के किगाली में सीजीएफ की 2019 आम सभा में 2026 खेलों के मेजबान पर फैसला होना था लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया और अब घोषणा अगले साल की जाएगी। बत्रा ने बताया कि एजीएम ने यह प्रस्ताव भी पारित किया है कि सीजीएफ से आग्रह किया जाएगा कि निशानेबाजी की तर्ज पर तीरंदाजी की राष्ट्रीय चैंपियनशिप का भी आयोजन किया जाए। 

तीरंदाजी भी 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं है। बत्रा ने कहा, ‘‘हम निशानेबाजी और तीरंदाजी की राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए दो प्रस्ताव भेज रहे हैं।’’ बत्रा ने साथ ही बताया कि 2023 में मुंबई में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रतिष्ठित सत्र की मेजबानी के लिए भारत को अंतिम दावेदारी आईओसी को सौंपनी होगी। 

उन्होंने साथ ही बताया कि एजीएम में 2020 राष्ट्रीय खेल गोवा में 20 अक्टूबर से 4 नवंबर तक कराने की पुष्टि की गई। बत्रा ने विवादास्पद खेल संहिता मसौदा 2017 पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। उन्होंने हालांकि कहा कि आईओए ने इसे खारिज कर दिया है। 

मेहता ने कहा कि उम्मीद है कि भारत के कम से कम 125 खिलाड़ी 2020 टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक 60 से अधिक खिलाड़ियों ने क्वालीफाई कर लिया है। हमें कम से कम 125 खिलाड़ियों के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह संख्या 150 तक पहुंच सकती है।’’ बत्रा ने कहा, ‘‘हमें दोहरे अंक में पदक मिलने की उम्मीद है।’’

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