तेलंगाना के नागरकुरनूल में एसएलबीसी टनल का एक हिस्सा ढहने से उसके अंदर फंसे 7 लोगों की तलाश के लिए खोज अभियान शुक्रवार को 21 वें दिन भी जारी रहा। यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि अभियान में शामिल विभिन्न संस्थानों के कर्मी शुक्रवार सुबह आवश्यक उपकरण लेकर सुरंग के अंदर गए। सरकारी खनन कंपनी ‘सिंगरेनी कोलियरीज’ के बचावकर्मी, खनिकों के साथ मिलकर उन स्थानों पर खुदाई कर रहे हैं, जिनकी पहचान लापता व्यक्तियों के संभावित ठिकानों के रूप में की गई है।
खोजी कुत्तों के साथ-साथ रोबोट की भी मदद
केरल पुलिस के मानव अवशेष खोजी कुत्तों (HRDD) से भी गुरुवार को सुरंग के अंदर इन स्थानों पर मदद ली गई, जबकि हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी के रोबोट भी अभियान में जुटे हैं। बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते अपने आईक्यू, फुर्ती और खोजी क्षमता के लिए जाने जाते है। ये खास तौर से मानव अवशेषों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। इनकी सूंघने की क्षमता असाधारण होती है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रोबोट सुरंग के भीतर ‘खतरनाक स्थानों’ पर पहुंच सकते हैं, जो इंसान की पहुंच से दूर हो और वे 15 गुना अधिक दक्षता के साथ काम कर सकते हैं।
सुरंग में 24 घंटे तलाशी अभियान जारी है। सेना, NDRF, SDRF, एचआरडीडी, सिंगरेनी कोलियरीज, रोबोटिक्स कंपनी और अन्य टीम इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
16वें दिन मिला था एक शव
टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले गुरप्रीत सिंह 22 फरवरी को सुरंग के आंशिक रूप से ढहने के बाद उसके मलबे के अंदर फंसे आठ लोगों में से एक थे। घटना के 16वें दिन सिंह का शव ‘बहुत सावधानी से’ खुदाई और अन्य प्रयासों के बाद निकाला जा सका था। शव लगभग 10 फुट की गहराई पर गाद के नीचे दबा हुआ था। सिंह की पहचान उसके बाएं कान की बाली और दाहिने हाथ के गोदने के आधार पर की गई थी।
ये 7 लोग अभी सुरंग में फंसे हुए हैं-
गुरप्रीत के अलावा फंसे हुए सात अन्य लोगों में मनोज कुमार (उप्र), सनी सिंह (जम्मू कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू शामिल हैं। इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग 22 फरवरी को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद से फंसे हुए हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)
यह भी पढ़ें-