मोदी सरकार पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों का खात्मा कर रही है। इसकी हकीकत तो किसी को पता नहीं लगेगी लेकिन अगर सरकार ने एजेंसियों को छूट दी है, तो ये कोई गलत बात नहीं है क्योंकि मुंबई में हमला करने वाले हैंडलर्स पाकिस्तान में बैठे हैं । सरकार ने बीसियों बार सबूत दिए। पाकिस्तान ने क्या किया?
कांग्रेस का एक भी बैंक अकाउंट फ्रीज नहीं हुआ। देश भर में कांग्रेस पार्टी के 100 से ज्यादा अकाउंट हैं जिनमें अलग अलग जगह करोड़ों रुपये जमा हैं। इनमें से दिल्ली के पांच बैंकों के 11 अकाउंट्स से इनकम टैक्स ने अपने बकाया पैसे की रिकवरी की है। इन 11 अकाउंट्स को भी फ्रीज नहीं किया गया।
राहुल गांधी हर थोड़े दिन में कुछ ऐसा कह देते हैं कि उनकी पार्टी के लोग भी परेशान हो जाते हैं। सारी ताकत सफाई देने और लीपापोती करने में लग जाती है। कांग्रेस के एक नेता कह रहे थे कि, क्या करें? राहुल जी full toss फेकेंगे, तो मोदी जी sixer तो लगाएंगे ही।
अगर सारे चुनाव एक साथ हों तो लाखों करोड़ रूपए बचेंगे, वक्त बचेगा और ये संसाधन दूसरे कामों में लगाए जा सकते हैं। लेकिन एक देश, एक चुनाव का लक्ष्य फिलहाल आसान नहीं लगता क्योंकि संविधान में तमाम संसोधन करने होंगे।
पार्टी के सभी सीनियर नेताओं को मान दिया गया, चाहे नितिन गडकरी हों या पीयूष गोयल। उन्हें सम्मानजनक तरीके से अपनी पसंद की सीटें दी गईं, किसी भी ऐसे नेता का टिकट नहीं काटा गया।
बीजेपी ने हरियाणा में चुनाव से पहले जिस तरह नेतृत्व परिवर्तन का फैसला किया, उस तरह के प्रयोग बीजेपी ने पहले भी किए हैं। कर्नाटक को छोड़कर बाकी जगह बीजेपी की रणनीति सफल रही। इसलिए हो सकता है खट्टर को बदलने के पीछे दस साल की एंटी इनकंबैसी से बचने की रणीनीति हो।
CAA का भारतीय नागरिकों से सरोकार नहीं हैं। इसमें किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी। ये कानून सिर्फ पड़ोसी देशों में जुल्मों की शिकार अल्पसंख्यकों की मदद के लिए हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत आने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसियों के लिए हैं।
बंगाल में लेफ्ट फ्रंट तकरीबन पूरी तरह खत्म हो गया है। कांग्रेस का अस्तित्व न के बराबर है। अब मुकाबला बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच है। इसीलिए बीजेपी बंगाल में पूरी ताकत लगा रही है। बंगाल की तरह बीजेपी की नजर तेलंगाना पर भी है।
पिछले कुछ दिनों से हलाल सर्टिफिकेट को लेकर बवाल मचा है और इसे लेकर अब सियासत भी खूब हो रही है। उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में भी इसके सुर तेज होने लगे हैं और राज्य में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स की बिक्री पर बैन लगाने की मांग हो रही है।
कई ऐलोपैथिक डॉक्टर भी इस बात को मानते हैं कि योग और आयुर्वेद से लाइलाज बीमारियों का इलाज हो सकता है। मैं भी मानता हूं कि ऐलोपैथी ने पूरी दुनिया में लोगों की जान बचाने के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। इसीलिए आयुर्वेद और एलोपैथी में टकराव नहीं होना चाहिए, ये एक दूसरे के पूरक हैं।
प्रचार के दौरान मोदी कांग्रेस के नेताओं का भाषण सुन रहे थे तो कांग्रेस के नेता भी मोदी का भाषण सुनकर उस हिसाब से अपनी स्पीच तैयार रहे थे। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे और राहुल गांधी दोनों ही मध्यप्रदेश में थे। मोदी ने राहुल को मूर्खों का सरदार कहा तो खरगे ने मोदी को झूठों का सरदार कह दिया।
बिहार के इस जातिगत सर्वे को हर नेता अपनी जाति के चश्मे से देख रहा है। जातिगत जनगणना हो गई, पर क्या इससे वाकई में गरीबों का भला होगा? क्या वाकई में सरकार जाति के आधार पर कल्याणकारी योजनाएं बना पाएगी?
मोदी जब बीजेपी के संगठन में थे तो उन्होंने पार्टी से ये प्रस्ताव पास करवाया था कि बीजेपी के पदाधिकारियों में एक-तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया जाय. गुजरात में जब मोदी मुख्यमंत्री थे, तो जो भी उपहार उन्हें मिलते थे, उनकी हर साल नीलामी होती थी और नीलामी से आने वाला पैसा गरीब लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च किया जाता।
अगर भारत को ग्लोबल लीडर बनना है, तो G-20 बड़ा ज़रिया हो सकता है क्योंकि दुनिया की GDP में 80 परसेंट भागीदारी G-20 में शामिल देशों की है, दुनिया का 75 परसेंट अन्तरराष्ट्रीय व्यापार G-20 देशों के बीच होता है. दुनिया की दो तिहाई आबादी G-20 देशों में रहती है और दुनिया का 60 परसेंट भौगोलिक क्षेत्र G-20 का देशों का है.
हैरानी की बात ये है कि कांग्रेस इस पर खामोश है. सनातन को HIV जैसा कहना, क्या नफरत फैलाने का काम नहीं है? ये राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान का सामान कैसे हो सकता है? ये भी नोट करने की जरूरत है कि कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक सनातन धर्म पर किए गए हमलों का समर्थन कर रहे हैं.
हजारों साल के जुल्म और सत्ता का इस्तेमाल करके भी सनातन धर्म को कोई मिटा नहीं पाया, तो इसके सर्वनाश की बात कहना और सोचना बेमानी है।
इस बार कोई गड़बड़ी नहीं होगी, ISRO के वैज्ञानिकों को पूरा भरोसा है। विक्रम लैंडर की चांद पर सॉफ्ट और सेफ लैंडिंग होगी।
महिला के साथ वहशीपन, मणिपुर में हो या बंगाल में, शर्मनाक तो दोनों हैं. मणिपुर में जो हुआ उसकी निंदा सबने की है, करनी भी चाहिए. वहां टकराव दो समुदायों के बीच है, लेकिन बंगाल में जो हुआ, वो राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई जंग का नतीजा है.
भारत में सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती हैं, इसका कारण लापरवाही है। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब देश में कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है।
खतरा बड़ा है, इससे बचाने का काम सिर्फ सरकारें नहीं कर सकती, हम सबको इस खतरे को समझना होगा और ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए अपना योगदान करना होगा.
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