दिल्ली में सोमवार को हवा चलने से वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर से बेहद खराब में पहुंच गया। शहर में 24 घंटे के औसत एक्यूएआई 389 दर्ज किया गया।
दिल्ली में कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 406 दर्ज किया गया।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और सुबह नौ बजे एक्यूआई 403 दर्ज किया गया। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान के 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई थी जिसके बाद प्रदूषण पर रोकथाम के लिए केजरीवाल सरकार ने कई तरह की गाइडलाइन जारी की थी।
दिल्ली एनसीआर में जारी प्रदूषण की हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार कुछ हरकत में दिखी। प्रदूषण पर लगाम लगाने के कुछ और उपाय किए गए।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि भले ही हवा चलने से AQI में सुधार आ जाए लेकिन हालात एक दिन में सामान्य नहीं होंगे। यह जहरीली हवा धीरे-धीरे हमारे फेफड़ों को खराब कर देगी जिससे सांस की बीमारियां बढ़ेंगी।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसमें लोगों को बाहर निकलने की मनाही और बाहरी गतिविधियां कम करने की सलाह दी गई है। हवा इतनी घातक है कि दिल्ली के अस्पतालों में ओपीडी मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ चुकी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कारक कण पीएम 2.5 की मात्रा का 24 घंटे का औसत रात में 300 का आंकड़ा पार कर गया और इसकी मात्रा शुक्रवार को अपराह्न चार बजे 381 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटना और दिल्ली में वायु गुणवत्ता के खराब होने में प्रत्यक्ष संबंध है, जैसा कि आंकड़ों से दिखता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मॉडल अनुमान AQI को ‘उच्च उत्सर्जन के साथ भी’ ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंचने का संकेत नहीं देते है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में तथा हरियाणा के फरीदाबाद में सोमवार को औसत वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
स्विस संगठन आईक्यू एयर द्वारा तैयार और मंगलवार को जारी वल्र्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020 में बताया गया है कि दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में बांग्लादेश, चीन, भारत और पाकिस्तान से 49 शहर आते हैं।
हाल ही में आई ग्रीनपीस की स्टडी में भी यह बात सामने आई थी कि देश के बड़े शहरों की जहरीली हवा हर साल हजारों जिंदगियों को निगल रही है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा में वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘अत्यंत खराब’ रही। वायु प्रदूषण सूचकांक ऐप समीर के अनुसार दिल्ली में वायु गणुवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 342, नोएडा में एक्यूआई 336 , गाजियाबाद में एक्यूआई 322, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 320 रहा...
हवाओं की मंद गति और उच्च आर्द्रता की वजह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में एक बार फिर गिरावट आई है और यह ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) के अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में मंगलवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 404 दर्ज किया गया।
सीपीसीपी के समीर ऐप के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार के गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) रविवार को ‘‘अत्यंत खराब'' श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘खराब’ श्रेणी में रही। तापमान में गिरावट आने तथा हवा की गति धीमी होने के बीच गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को मामूली रूप से खराब हुई और यह ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई क्योंकि हवा की दिशा बदलने के बाद, पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का शहर में प्रभाव बढ़ गया।
राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता हुई खराब। 15 नवंबर की सुबह दिल्लीवासियों ने महसूस किया भारी प्रदूषण।
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