ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच प्रशांत महासागर में मतभेद खुलकर सामने आए हैं। चीन इस समंदर के इलाके में अपनी दादागिरी करता है, जिसका विरोध ऑस्ट्रेलिया करता रहा है। इन्हीं मतभेदों के बीच 7 साल में पहली बार किसी ऑस्ट्रेलियाई पीएम की चीन यात्रा हो रही है।
चीन में एक ऐसा अजीब तरह का गांव है, जहां पैसे देने के बाद भी दुल्हन मिल जाए यह जरूरी नहीं है। दरअसल एक प्रथा कि तहत ऐसा किया जाता है। यही नहीं, दूल्हे की गाड़ी भी रोक ली जाती है। इस प्रथा पर कुछ यूजर्स ने कमेंट्स भी किए हैं।
कोलंबो के पोर्ट पर भारत के ऐतराज के बावजूद चीनी 'जासूसी' जहाज शियान 6 आ डटा है। श्रीलंका और चीन के वैज्ञानिक मिलकर इस पर रिसर्च वर्क कर रहे हैं। कहने को यह रिसर्च पोत है, लेकिन चीन 'जासूसी' जैसी हिमाकत भी करता रहा है।
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद अमेरिकी यात्रा पर हैं। उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से द्विपक्षीय वार्ता भी की। इस दौरान व्यापार, निवेश समेत खाद्य सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग मांगा।
रूस ने लंबे समय बाद एक बार फिर युद्ध के बीच यूक्रेन से बातचीत को तैयार होने की बात कही है। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि यदि स्थिति उचित बनेगी तो रूस यूक्रेन से बातचीत को तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका पर जानबूझकर युद्ध को हवा देने और भूराजनीतिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान बातचीत की राह बेहद कठिन होने की आशंका है। अमेरिका और चीन के रिश्ते ताइवान के विवाद के चलते तल्ख हैं। बाइडेन और जिनपिंग की संभावित मुलाकात से पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने खुद ही इस बैठक को चुनौतीपूर्ण बता दिया है।
‘शौर्य दिवस’ के मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि यह आयोजन उस ऐतिहासिक दिन की याद में किया जाता है जब सेना ने आजाद भारत ने अपने पहले बड़े ऑपरेशन में साहस का परिचय देते हुए दुश्मन के इरादे नाकाम कर दिए थे।
अमेरिका और चीन के बीच तनातनी जाहिर है। दक्षिण चीन सागर से लेकर इजराइल हमास जंग और रूस यूक्रेन युद्ध तक चीन और अमेरिका के संबंधों में मतभेद हैं। इन सबके बीच चीनी और अमेरिकी विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की है।
दक्षिण चीन सागर में चीनी लड़ाकू विमान अमेरिकी बमवर्षक के करीब आ गया। दोनों विमानों की टक्कर होते होते रह गई। अमेरिकी सेना ने यह जानकारी दी है।
ली केकियांग 2013 से 2023 तक चीन के प्रधानमंत्री पद पर रह चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के दूसरे सबसे शक्तिशाली शख्स के रूप में भी जाना जाता था।
एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन को अपनी बीआरआई परियोजना के लिए फिर भारत के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। भारत ने पीओके से गुजरने के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ बताया। रूस समेत अन्य देशों ने चीन की इस परियोजना का समर्थन किया।
किर्गिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना उसे खूब खरी-खोटी सुनाई है। भारत ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रत्येक देश को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना होगा। अंतरराष्ट्रीय नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी अमेरिका के दौरे पर वॉशिंगटन जा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका और चीन के रिश्तों की बर्फ पिघलेगी? दोनों देशों के बीच कई बड़े मसले हैं, जिस पर दोनों आमने सामने हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी अमेरिका व चीन—रूस के बीच मतभेतद खुलकर दिखाई दिए। गाजा में युद्धविराम को लेकर एक प्रस्ताव अमेरिका ने लाया तो रूस और चीन ने मिलकर उसे वीटो करके खारिज कर दिया।
चीन ने श्रीलंका को कर्ज देकर उसका दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों श्रीलंका के राष्ट्रपति चीन की यात्रा पर थे। इस दौरान चीन ने श्रीलंका की मदद का ऐलान करके अब उसका दोहन करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही चीन दूसरे देशों की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए भी खतरा बन रहा है।कोलंबो पोर्ट पर अपना अनुंसधान जहाज भेजा है
चीन ने अमेरिका पर शांति में बाधक बनने का आरोप लगाया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा में बाधक है। चीन की सैन्य क्षमता के विस्तार पर पेंटागन ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके जवाब में चीन ने ये आरोप लगाया है।
अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्री ली शांगफू पर भ्रष्टाचार के मामले की जांच बैठी है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी रक्षा मंत्री को एक हफ्ते पहले ही अधिकारियों द्वारा पूछताछ के लिए ले जाया गया था।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी 26 से 28 अक्टूबर तक अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे। वांग यी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार वाशिंगटन पहुंचेंगे। वे वहां अपने समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
चीन में उइगुर मुसलमानों की स्थिति बहुत खराब है। इस स्थिति को दुनिया जानती है। यही कारण है कि दुनिया के 51 देश चीन के इस कृत्य पर एकजुट हुए हैं। इन देशों ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं। जानिए मुस्लिम देश पाकिस्तान का इस पर क्या रुख है?
चीन ने एलएसी पर सड़कों, हवाई अड्डों और हेलीपैड का बड़ा नेटवर्क तैयार कर दिया है। चीन ने इस बुनियादी ढांचे का विकास नियंत्रण रेखा पर गलवान और तवांग में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के बाद किया है। साथ ही सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी है। पेंटागन की रिपोर्ट में दावा है कि चीन ने भारत सी लगी सीमा पर नए गांव बसाए हैं।
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