चिराग पासवान ने अपने गुट की तरफ से दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। इस बैठक में आए एलजेपी सदस्यों को चिराग पासवान ने शपथ दिलाई
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में नेतृत्व संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की योजना इन दिनों अक्सर लीक होती दिख रही है।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने पार्टी में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि पापा ने पार्टी भरोसे और विश्वास के साथ बनाई थी लेकिन आज भरोसा टूट रहा है।
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस समेत 5 सांसदों को एलजेपी से निकाल दिया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक से पहले पटना में चिराग के समर्थकों ने चाचा पशुपति कुमार पारस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया।
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने आखिरकार एलजेपी में संग्राम का ऐलान कर दिया है। चिराग ने ट्विट किया कि पशुपति अध्यक्ष पद के लिए रामविलास के सामने ही बागी तेवर दिखा चुके थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से भी आज युवा भी अलग हो रहे हैं। इधर, लोजपा में टूट की खबरों के बीच जदयू के प्रमुख सिंह ने कहा कि जो जैसा बोएगा वैसा काटेगा।
पार्टी में हुए इस घटनाक्रम के बाद चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस पासवान के घर पहुंचे। चिराग खुद गाड़ी चलाकर पशुपति पारस के घर पहुंचे, लेकिन काफी देर तक पशुपति पारस के घर का दरवाजा नहीं खुला।
पशुपति पारस पासवान ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं, पार्टी को बचाया है। वो बिहार के सीएम नीतीश कुमार को विकास पुरुष मानते हैं और एनडीए गठबंधन में बने रहना चाहते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन पांचों सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मांग की है कि उन्हें LJP से अलग मान्यता दी जाए। अगर ऐसा होता है तो इनका ये कदम चिराग पासवान के लिए बिहार की राजनीति में मुश्किल खड़ी करने वाला होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से संकट के दौर से गुजर रही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को फिर से मजबूत करने के लिए पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कवायद तेज कर दी है।
बिहार में लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली है। बिहार विधानसभा में उन्हें बतौर जदयू विधायक दल के सदस्य मान्यता भी मिल गयी है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में लोजपा विधायक दल के जेडीयू विधायक दल में विलय को मंजूरी दे दी है।
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग राह पकड़ चुकी लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) अपने ही विधायक से विधानसभा में राजग उम्मीदवार को समर्थन देने से नाराज हो गई है।
बिहार की राजनीति में अपनी खास पहचान बना चुके लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके पुत्र और जमुई के सांसद चिराग पासवान सियासत में तन्हा नजर आने लगे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के 208 नेताओं के जेडीयू में शामिल होने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी समाजवादी विचारधारा पर चलने वाली देश की एकमात्र पार्टी है जिसमें परिवारवाद और वंशवाद की कोई जगह नहीं।
पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में केवल एक सीट जीतने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (LGP) में अब बागवत के सुर तेज होने लगे हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) अध्यक्ष चिराग पासवान को NDA और सहयोगी दलों की बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद पटेल ने उन्हें इस संबंध में चिट्ठी भेजी थी।
लोजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आभार जताते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पापा की अंतिम सांस तक उनके साथ खड़े थे। पापा के जाने के बाद भी प्रधानमंत्रीजी ने पापा को हमेशा सम्मान दिया। पद्मभूषण पुरस्कार के लिए मेरे परिवार और लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार।''
लोजपा के एक मात्र विधायक ने जदयू के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र मंत्री अशोक चौधरी के आवास पर उनसे मुलाकात की।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने युवा नेताओं और विपक्षी पार्टियों के उतराधिकारियों पर जमकर कटाक्ष किया है।
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