AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कोविड-19 का पहला टीका लगवा लिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से टीका लगवाने की अपील भी की।
दूसरे चरण में निजी अस्पतालों को भी टीका लगाने की अनुमति दे दी गई है, हालांकि वहां पर 250 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में फिलहाल टीकाकरण निशुल्क है
कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्तियों में कोविशील्ड टीके का तेजी से असर होता है और उनमें एंटीबॉडी का स्तर अधिक पाया जा रहा है। यह बात एक अध्ययन से सामने आयी है।
आइए जानते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों में वैक्सीन की क्या कीमत है।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं उन सभी लोगों से कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अपील करता हूं, जो इसके पात्र हैं। आइए, हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएं।’
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी वैक्सीन को लेकर जो बयान दिया है वह भ्रम फैलाने वाला है। ओवैसी ने उस टीके पर सवाल उठाए हैं जिसका उत्पादन सीरम इंस्टिड्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है।
भारत द्वारा उपलब्ध कराया गया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका कोविशील्ड शुक्रवार को श्रीलंका के 5,286 लोगों को लगाया गया था।
India's Coronavirus Diplomacy: उम्मीद के मुताबिक, चीन को भारत द्वारा अपने पड़ोसी देशों को वैक्सीन की मदद रास नहीं आई और वो ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत की 'वैक्सीन मैत्री' पहल पर सवाल खड़े करने लगा है।
कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीके लगाए गए। देश में पहले दिन 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई, इनमें से सबसे ज्यादा 21 हजार 291 टीके उत्तर प्रदेश में लगाए गए।
दिल्ली एम्स के सुरक्षा गार्ड ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एलर्जी होने की बात कही है। वहीं दो और स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हल्के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। इन दोनों को छाती में हल्की जकड़न का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने कोरोना टीकाकरण को लेकर सभी तरह की जानकारी दी है कि आखिर आपको कोरोना टीका लगवाने के लिए किन-किन जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।
कोविड-19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की तैयारियों ने बुधवार के जोर पकड़ा। विमानों के जरिये देश भर में विभिन्न हवाईअड्डों पर टीके की खेप पहुंचाई गई, जहां से ये छोटे शहरों को भेजी गईं।
क्या लोगों को वैक्सीन चुनने का विकल्प मिलेगा। क्या वैक्सिनेशन सेंटर पर व्यक्ति कह सकता है कि उसे कोवैक्सीन लगवानी है या कोविशील्ड?
कोविड-19 महामारी का प्रकोप करीब साल भर पहले शुरू होने के बाद से लगभग 200 टीकों को विकसित करने का काम जारी है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि डाक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारिय़ों का पूरा डेटाबेस Co-WIN पर पहले ही अपलोड किया जा चुका है और इन लोगों को वैक्सीन के लिए अपना पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं है।
कंट्रोलर जनरल वी जी सोमानी ने कहा कि दोनों दवा कंपनियों ने अपने ट्रायल रन का डेटा जमा कर दिया है और दोनों को परमिशन दे दी गई है।
कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक (Bharat Boitech)के बीच बयानबाजी से जो विवाद खड़ा हुआ था वह अब खत्म हो चुका है और दोनो कंपनियों ने मिलकर साझा बयान जारी किया है।
ब्रिटेन में फाइजर की कोरोना वैक्सीन के बाद अब ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन प्रदान करने का अभियान शुरू हो गया है।
कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाया है जबकि दूसरी वैक्सीन कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने बनाया है। रविवार को इन दोनों वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई।
कोरोना वैक्सीन के लिए को-विन ऐप को डाउनलोड करने के बाद पंजीकरण मॉड्यूल के जरिए लोग रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। जानिए क्या है पूरा प्रासेस।
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