केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को असली कोरोना वैक्सीन की पहचान के लिए मापदंड भेजा है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली? इस मापदंड में अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक V तीनों वैक्सीन पर लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम क्या होता है, इन सब की जानकारी साझा की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कोविशिल्ड वैक्सीन के दोनों डोज़ के बीच समय अंतराल कम हो सकता है। आने वाले दिनों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर फ़ैसला ले सकता है।
टीके अब भी सबसे अधिक गंभीर कोविड-19 खासकर बहुत अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के विरूद्ध कड़ी सुरक्षा देते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान की गई है।जुलाई और अगस्त के बीच भारत और अफ्रीका में अधिकारियों ने खुराक को जब्त कर लिया है।
साइरस पूनावाला ने कहा कि हजारों प्रतिभागियों के बीच परीक्षण में इस संबंध में प्रभाव साबित नहीं हुए हैं।
बताया जा रहा है कि मृतक 63 वर्षीय महिला मरीज में 21 जुलाई को कोरोना डिटेक्ट हुआ था। मृतक महिला को कोवीशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज भी लगी हुई थी। 24 जुलाई को इस महिला मरीज को ICU में भर्ती किया गया था।
मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ. बलबीर सिंह के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson vaccine) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी एक ही शॉट लगेगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में उनकी कंपनी द्वारा बनाया जाने वाला कोविड-19 का एक अन्य टीका Covovax वयस्कों के लिए अक्टूबर में जारी हो जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट में बताया कि शुक्रवार को देश ने 50 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है और 40 करोड़ से 50 करोड़ के आंकड़े तक आने में कुल 20 दिन लगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आज शाम 7 बजे तक भारत में COVID वैक्सीनेशन के अंतर्गत कुल 40,44,67,526 डोज़ लगाई गई हैं। आज यानि शनिवार को 46,38,106 वैक्सीन डोज़ लगाई गई।
ओडिशा सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविशील्ड टीके की खुराकों की "कमी" के कारण 16 जिलों में गुरुवार को टीकाकरण अभियान रोक दिया।
यूरोपियन यूनियन पहले कोवीशील्ड लेने वाले कई भारतीयों को अपने यहां यात्रा की अनुमति नहीं दे रहा था जिसको लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ती जताई थी और यहां तक कह दिया था कि यूरोप से आने वाले लोगों को भारत में क्वारंटीन किया जाएगा
क्वीन्सलैंड और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्यों की सरकारों ने 40 साल से कम उम्र के लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन नहीं लगाने की सलाह देते हुए कहा है कि इनसे खून का थक्का जमने का जोखिम है।
एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 रोधी टीका 45 हफ्तों के लंबे अंतराल पर दिये जाने पर बेहतर प्रतिरक्षा क्षमता उत्पन्न करता है। वहीं, इसकी तीसरी खुराक एंटीबॉडी को और अधिक बढ़ा देगी।
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के एक समूह ने 'कोविशील्ड' टीके की दो खुराकों के बीच छह से आठ सप्ताह का अंतर रखने का सुझाव देते हुए शुक्रवार को सरकार से मूल कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को दोबारा लागू करने की मांग की।
Coronavirus Vaccine-induced Antibody Titre (COVAT) द्वारा दोनों में से किसी एक टीके की दोनों खुराक ले चुके हेल्थ वर्कर्स (HCW) पर किए गए प्रारंभिक अध्ययन के अनुसार, कोविशील्ड वैक्सीन ने कोवैक्सीन की तुलना में अधिक एंटीबॉडी का उत्पादन किया।
फिलहाल देश में दो टीकों, कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है। कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को दोनों टीकों की दो खुराक लेने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की ज
मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को 18-44 साल आयवुर्ग के 6,63,353 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगायी गयी और इस तरह इस टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में इस उम्र वर्ग में 92,73,550 लाभार्थियों को टीके लगाये जा चुके हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में घिरे भारत में वैक्सीन की कमी है जिसे लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ने सफाई दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत आबादी के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़े देश है।
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