Saturday, April 27, 2024
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कैसे करें नकली और असली कोरोना वैक्सीन की पहचान? केंद्र सरकार ने राज्यों को किया 'अलर्ट'

केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को असली कोरोना वैक्सीन की पहचान के लिए मापदंड भेजा है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली? इस मापदंड में अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक V तीनों वैक्सीन पर लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम क्या होता है, इन सब की जानकारी साझा की गई है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 05, 2021 21:36 IST
कैसे करें नकली और असली कोरोना वैक्सीन की पहचान? केंद्र सरकार ने राज्यों को किया 'अलर्ट'- India TV Hindi
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नयी दिल्ली: असली और नकली कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट किया है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने कुछ बिन्दुओं के जरिए जानकारी साझा की है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ऐसे मापदंड साझा किये हैं जिससे राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को किसी भी नकली कोविड-19 टीकों की पहचान करने में सक्षम बनाया जा सके और उन्हें देश में लगने से रोका जा सके। यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका क्षेत्र में पहचाने जा रहे नकली कोविशील्ड टीके पर चिंता जताये जाने की पृष्ठभूमि में आया है। 

लेबल से लेकर रंग तक में मिलेगा अंतर

  • केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को असली कोरोना वैक्सीन की पहचान के लिए मापदंड भेजा है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली? इस मापदंड में अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक V तीनों वैक्सीन पर लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम क्या होता है, इन सब की जानकारी साझा की गई है।
  • अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने गत दो सितंबर को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह अनुरोध किया जाता है कि टीकों को उपयोग से पहले सावधानीपूर्वक प्रमाणित करने की आवश्यकता है, वास्तविक कोविड-19 टीकों के लेबल की जानकारी और उपयोग में आने वाले कोविड-19 टीकों की अतिरिक्त जानकारी राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम प्रबंधकों और सेवा प्रदाताओं के संदर्भ के लिए संलग्न की जा रही है।’’ 

जानिए असली कोविशील्ड शीशी की पहचान

पत्र में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 टीकाकरण के लिए सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को इन विवरणों के बारे में सूचित किया जा सकता है और नकली टीकों की पहचान के लिए उचित परिश्रम सुनिश्चित किया जा सकता है।।’’ एक असली कोविशील्ड शीशी की बोतल पर गहरे हरे रंग में एसआईआई उत्पाद का लेबल शेड, उल्लिखित ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नाम और गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम फ्लिप-ऑफ सील होगी। एसआईआई लोगो लेबल के चिपकने वाली ओर और एक अद्वितीय कोण पर मुद्रित होता है जिसे केवल उन कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा पहचाना जा सकता है जो सटीक विवरण से अवगत हैं। अक्षरों को अधिक स्पष्ट और पठनीय होने के लिए विशेष सफेद स्याही में मुद्रित किया जाता है। 

ऐसे करें असली कोवैक्सीन की पहचान

मापदंडों के अनुसार, पूरे लेबल को एक विशेष बनावट मधुकोश प्रभाव दिया गया है जो केवल एक विशिष्ट कोण पर दिखाई देता है। कोवैक्सीन लेबल में नकल रोधी सुविधाओं में अदृश्य यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) शामिल है जो केवल यूवी प्रकाश के तहत दिखाई देता है। स्पुतनिक के मामले में यह आयातित उत्पाद रूस से दो अलग-अलग थोक निर्माण स्थलों से हैं और इसलिए, इन दोनों स्थलों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं जबकि सभी जानकारी और डिज़ाइन समान हैं, केवल निर्माता का नाम अलग है। अब तक सभी आयातित उत्पादों के लिए, अंग्रेजी लेबल केवल 5 एम्प्यूल पैक के कार्टन के आगे और पीछे उपलब्ध है, जबकि अन्य सभी ओर एम्प्यूल पर प्राथमिक लेबल सहित, रूसी में है। 

स्पूतनिक वी की ऐसे करें पहचान

इम्पोर्ट किए गए प्रोडक्ट्स दो अलग-अलग साइट से मिले हैं, जिसके चलते दो अलग-अलग लेबल इस्तेमाल किए हैं। हालांकि इसके अलावा जानकारी और डिजाइन को एक जैसा ही रखा गया है। सिर्फ और सिर्फ निर्माता का नाम ही अलग है। अब तक सभी इम्पोर्ट की गई वैक्सीन के लिए इंग्लिश लेबल केवल 5 ampoule के कार्ट के आगे और पीछे मौजूद है। बाकी अन्य सभी में ampoule पर प्राइमरी लेबल रशियन है।

नकली कोविड वैक्सीन को लेकर केंद्र सतर्क

वर्तमान में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूसी टीका स्पुतनिक वी को देश में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत पात्र लाभार्थियों को लगाया जा रहा है। नकली वैक्सीन को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी अधिकारियों को दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये दिशा-निर्देश इसलिए जारी किए हैं, जिससे कि नकली वैक्सीन की पहचान कर ये सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें भारत में प्रशासित नहीं किया जाए।

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