Ganga Dussehra 2023: गंगा दशहरा के मौके पर विशेष लाभ पाने के लिए आपको कौन-से खास उपाय करने चाहिए ये सब जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
Ganga Stotram in Hindi: गंगा दशहरा पर गंगा स्त्रोत का पाठ करना भी बहुत लाभदायक होता है। कहा जाता है गंगा स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को पापकर्मों से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
Ganga Dussehra 2023 Upay: अगर आपके जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आ रही हैं तो गंगा दशहरा के दिन कुछ विशेष उपायों को जरूर करें। इससे न केवल आपको समस्याओं का समाधान मिलेगा बल्कि मां गंगा का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
Ganga Dussehra 2023 Upay: हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का अत्याधिक महत्व है। कहते हैं कि इस दिन गंगा स्नान और कुछ उपायों को करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है और धन, वैभव की प्राप्ति होती है।
Ganga Dussehra 2023: हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां का स्थान प्राप्त है। गंगा को लेकर लोगों के मन में गहरी आस्था है। कहते हैं कि जो भी भक्त गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करता है उसके हर पाप मिट जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
Ganga Saptami 2023: इस साल गंगा सप्तमी पर तीन-तीन शुभ योग बन रहे हैं, जो भक्तों को कई शुभ फल दिलाएगा। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। कहते हैं गंगा सप्तमी के दिन स्नान, दान और पूजा से व्यक्ति के हर पाप मिट जाते हैं।
पर्यटकों के यहां पहुंचने पर फूल देकर, शाल ओढ़ाकर और तिलक लगाकर उनका भव्य स्वागत किया गया। बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव, पटना की मेयर सीता साहू और गुरुद्वारा समिति के सदस्यों द्वारा आगंतुकों का स्वागत किया गया।
पीएम मोदी ने काशी को बड़ी सौगात दी है। पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है।
'MV गंगा विलास' क्रूज दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है जिसके अंदर 'फाइव स्टार होटल' जैसी सुविधाएं हैं। आज पीएम मोदी ने इसे वर्चुअली हरी झंडी दिखाई जिसके बाद गंगा विलास क्रूज 3200 किलोमीटर की पहली यात्रा पर रवाना हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 13 जनवरी को दुनिया के सबसे लंबे लक्जरी रिवर क्रूज, गंगा विलास को हरी झंडी दिखाएंगे. क्रूज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक 50 दिनों में 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा.
वाराणसी में गंगा नदी पर होने वाली मशहूर गंगा आरती के साथ यह क्रूज अपने सफर पर निकलेगा। क्रूज के इस पहले सफर में स्विट्जरलैंड के 32 सैलानी शामिल होंगे।
जब बात आस्था की होती है, तो कड़ाके की ठंड भी श्रद्धालुओं के उत्साह को नहीं डिगा पाती है। इसी का नजारा 6 जनवरी को प्रयागराज संगम में देखने को मिला। यहां आज हाड़ कंपाती ठंड में भी अल सुबह से शाम तक 5 लाख से अधिक लोगों ने गंगा में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई।
साहिबगंज में जहाज पर मालवाहक ट्रकों को चढ़ाया जा रहा था। इसी दौरान एक ट्रक का टायर फटने से जहाज असंतुलित हो गया। एक ट्रक तो पूरी तरह गंगा नदी में समा गया।
सीएम योगी ने गंगा की सफाई को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह हमारी आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी है। उन्होंने कहा, 'प्रयागराज कुंभ-2025 के शुरू होने से पहले तक गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूरा करना होगा।'
गंगा की सफाई को लेकर सरकार हर प्रयास करने में लगी है। इसी का देन है कि कानपुर में फिर से गंगा अपने असली रूप में सामने आई।
वैसे तो बनारस में सालों भर सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन कोविड के दौरान ये सिलसिला टूट गया था। अब बनारस फिर से अपने रंग में रंग गया है। यहां पर पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी हुई है।
ऋषिकेश में गंगा के ऊपर बने लक्ष्मण झूले का निर्माण अंग्रेजों के समय वर्ष 1927 से 29 के बीच किया गया था। अब सिकी जगह पर बजरंग सेतु का निर्माण कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि, यह पुल जुलाई 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा और आवागमन के लिए खोल दिया जायेगा।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी देव देवलोक से उतरकर भगवान शिव की नगरी काशी में गंगा के घाटों पर आकर भगवान शिव की विजय की खुशी में दिवाली मनाते हैं। इस दिन माता गंगा की पूजा की जाती है। काशी के रविदास घाट से लेरप राजघाट तक लाखों दीए जलाए जाते हैं।
Bihar News: छठ पर्व को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। कोरोनाकाल के बाद पहली बार पूरी छूट के साथ बिहार में खासतौर पर पटना में छठ पर्व को लेकर उल्लास है। लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने से जरूर थोड़ी चिंता रही है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब पटना में गंगा के जलस्तर में कमी आने लगी है।
Mulayam Singh: एक वीडियो में अखिलेश यादव से शिवपाल सिंह यादव कुछ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं और परिवार के सदस्य विमान में बैठने से पहले आपस में गुफ्तगू करते देखे गए। दुख के इस मौके पर अलग-अलग राजनीतिक राह पर चलने वाले चाचा-भतीजा (शिवपाल सिंह यादव-अखिलेश यादव) एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए।
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