पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने पूर्व सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी दिए जाने की मांग कर दी है। इससे पाकिस्तानी की सियासत में भूचाल आ गया है।
सऊदी अरब की कोर्ट ने शाही आदेश के बाद हत्या का दोषी पाए जाने पर 5 प्रवासियों को फांसी की सजा दी है। ये पांचों पाकिस्तान के रहने वाले हैं, जिन्हें मक्का में फांसी पर चढ़ाया गया।
चीन में दिल दहला देने वाले एक हादसे में प्रेमी-प्रेमिका को फांसी की सजा सुनाई गई है। आरोप कि वर्ष 2020 में एक चीनी युवती ने शादीशुदा प्रेमी के साथ नई फैमिली प्लानिंग के लिए उसके दोनों बच्चों को मारने के लिए मजबूर किया। बच्चों की उम्र 1 और 2 वर्ष थी।
फांसी देने के मामले में मुस्लिम देशों में ईरान पहले नंबर पर है। वर्ष 2023 में यहां 700 से अधिक दोषिय़ों को फांसी की सजा दी गई। जबकि हाल ही में ईरान ने 9 ड्रग तस्करों को फांसी के तख्ते पर चढ़ाया। एक रिपोर्ट के अनुसार फांसी देने के मामले में ईरान सबसे आगे है।
इजरायल के एक जाससू को ईरान ने फांसी देकर बेंजामिन नेतन्याहू की आग को और भड़का दी है। ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के एक जासूस को फांसी पर लटका दिया है। ईरान के इस कदम से इजरायल आग बबूला हो गया है।
उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने अपने सेना के एक जनरल को इतनी खौफनाक मौत दी है कि उसके बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। बताया जा रहा है कि तख्तापलट की आशंका से किम ने अपने जनरल के हाथ और सिर को कटवाकर उसे पिरान्हा मछली के टैंक में फेंकवा दिया।
अफ्रीकी देश घाना ने अपने देश से मृत्युदंड को समाप्त करने का प्रावधान शुरू कर दिया है। इसके लिए घाना की संसद में वोटिंग हुई है। इसके मुताबिक अब राजद्रोह को छोड़कर शेष किसी भी मामले में दोषी व्यक्ति को फांसी या मौत की सजा नहीं दी जाएगी।
ईरान ने हिजाब को लेकर बीते वर्ष सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के जुर्म में फिर 3 आंदोलनकारियों को फांसी पर लटका दिया है। इससे पहले भी कई प्रदर्शनकारियों को ईरान की सरकार फांसी दे चुकी है।
Iran Again Hanged 3 Protesters: ईरान में खुले आम मानवता का गला घोटा जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं भी चुप्पी साधे हैं। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को ईरान लगातार मौत के घाट उतार रहा है। ताजा मामले में ईरान की सरकार ने फिर 3 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दी है।
ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए इन प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई की जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें दर्जनभर बच्चे भी शामिल हैं।
Death Sentence: सिंगापुर में एक शख्स को मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में वहां के उच्चत्तम न्यायलय ने फांसी की सजा सुनाई है। ये शख्स भारतीय मूल का मलेशियाई नागरिक है। इसके पास से पुलिस को 60.15 ग्राम डायामॉर्फिन और 120.9 ग्राम मादक पदार्थ मिला था
अमरोहा के हसनपुर शहर से सटे छोटे से गांव बावनखेड़ी के लोग के जेहन में आज भी 14-15 अप्रैल 2008 की काली रात बिलकुल ताजा है, जब शबनम और सलीम ने वारदात को अंजाम दिया था। शबनम ने अपनी प्रमे सलीम के साथ मिलकर अपने पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजूम और बहन राबिया को कुल्हाड़ी से काट दिया था।
देश की आजादी की लड़ाई में कुछ नौजवानों का बलिदान इतना उद्वेलित करने वाला था कि उसने पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम का रूख बदलकर रख दिया इनमें एक नाम खुदीराम बोस का है, जिन्हें 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई।
अपहरण और बलात्कार के बाद चार वर्षीय बच्ची की हत्या करने के जुर्म में यौन मनोविकृति के शिकार 28 वर्षीय एक व्यक्ति को जिला अदालत ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई।
निर्भया के दोषियों को फांसी देने की तारीख करीब आ रही है। ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन अपनी तैयारियां पूरी करने में जुटा हुआ है। सोमवार को तिहाड़ जेल में फांसी के लिए चौथी बार डमी ट्रायल किया गया।
जेल अधिकारियों के एक दल ने रविवार को डमी को फांसी देने का अभ्यास किया। जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दोषियों के वजन के मुताबिक ही डमी बनाई गई थी।
जबसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के कातिलों को एक साथ फांसी पर लटकाने के लिए ‘डेथ वॉरंट’ जारी किया है, तबसे उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में रहने वाले पवन जल्लाद की खुशी का ठिकाना नहीं है।
देश में बीते करीब तीन दशक के फांसी के इतिहास पर नजर डाली जाए तो साल 1991 से अब तक 16 मुजरिमों को फांसी के फंदे पर झुलाया जा चुका है।
तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील गुप्ता ने बताया कि दोषियों को दोनों हाथ पीछे बांधकर फांसी के तख्ते तक लेकर जाया जाता है, फिर तख्ते पर दोनों पैर भी बांध दिए जाते हैं और सिर पर एक थैला डाल दिया जाता है।
निर्भया रेप-हत्या कांड मामले में अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दिए जाने से आहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है।
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