मरीज की सीटी स्कैन रिपोर्ट में कई गुर्दे की पथरी का संकेत दिया गया था, जिनमें से सबसे बड़ी लगभग 62 एमएम और 39 एमएम मापी गई थी।
NAMO मेडिकल कॉलेज की नींव 2019 में पीएम मोदी द्वारा रखी गई थी। आज संस्थान में 150 MBBS सीटों की प्रवेश क्षमता है जो अब बढ़कर 177 हो गई है। वर्तमान में 682 छात्र कॉलेज में नामांकित हैं।
नीट यूजी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। ऐसे में जो छात्र किसी कारणवश अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं, वे जल्दी अप्लाई कर दें। लेकिन अप्लाई करने से पहले जान लें कि देश में कौन से ऐसे कॉलेज हैं जहां मेडिकल की पढ़ाई बेहतर होती है।
MBBS Course: हमारे देश में मेडिकल एजुकेशन काफी मंहगा है, जो आम आदमी अफोर्ड नहीं कर सकता है। ऐसे में बहुत से छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना टूट जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे थे जहां एमबीबीएस की पढ़ाई फ्री है।
Medical college Fee: मेडिकल की पढ़ाई को लेकर छात्र काफी परेशान रहते हैं। पहले तो नीट परीक्षा की तैयारी, उसके बाद ज्यादा फीस उनके सामने चट्टान बन जाता है। इस कारण छात्र एमबीबीएस में एडमिशन नहीं ले पाते हैं। ऐसे में उन्हें ऐसे कुछ कॉलेजों की तलाश रहती है, जिनकी फीस कम हो। तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ कॉलेज के बारे में
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बड़े काम की खबर है। कर्नाटक में एक मेडिकल कॉलेज छात्रों के मेडकल की पढ़ाई फ्री में उपलब्ध कराएगा। पीएम मोदी ने आज इस कॉलेज का उद्घाटन किया है।
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब मारामारी खत्म होने वाली है। सरकार ने इसे लेकर एक बड़ा कदम उठाया है।
संस्थान को होने वाले वार्षिक नुकसान का आकलन करने के लिए गठित एक समिति द्वारा शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। रिसर्च के दौरान कमेटी ने पाया कि बेड चार्ज और डायग्नोस्टिक टेस्ट के खर्च को 10 साल से रिवाइज नहीं किया गया है।
तुर्की और सीरिया के भयावह भूकंप को आए दो दिन होने को हैं। राहत और बचाव दल लगातार मलबे के नीचे दबे लोगों को जीवित निकालन के प्रयास में जुटे हैं। मंगलवार को राहत दलों ने उत्तर सीरिया में 40 घंटे तक मलबे में दबे एक पूरे परिवार को जीवित निकालने में सफलता पाई है। आखिर में परिवार के दो बच्चों तकबीर और जॉय को जिंदा निकाला।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में पीड़ितों को आपातकालीन राहत पहुंचाने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। करीब 6 टन आपातकालीन राहत सामग्री और दवाएं लेकर 99 सदस्यों की मेडिकल टीम के साथ भारत का एक अन्य विमान सीरिया के लिए रवाना हो गया है। तुर्की के लिए भी ऐसा ही विमान भारत ने भेजा है।
देश में हर साल लाखों स्टूडेंट्स 12वीं के बाद मेडिकल लाइन में आगे बढ़ते हैं। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से MS और MD के बारे में डिटेल में जानकारी देंगे। साथ ही एमबीबीएस के बाद बेस्ट करियर ऑप्शंस के बारे में बताएंगे।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली में कुछ नए मेडिकल कोर्सों को मंजूरी दी है। इसके लिए संस्थानों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। सिसोदिया ने बताया कि इससे दिल्ली में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
Delhi Free Medical Tests: दिल्ली सरकार ने 450 तरह के मेडिकल टेस्ट को मुफ्त कर दिया है। जिसका लाभ लोग 1 जनवरी से उठाना शुरू कर सकते हैं।
एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत सरकार महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलेगी। इसके लिए सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं।
इमरजेंसी नर्सिंग एसोसिएशन, यूएस के विशेष कोर्स के लिए फीस 2,500 से लेकर 4,000 रूपए प्रति साल है। हेल्थकेयर प्रोफेसनल भी अपने सॉफ्ट स्किल्स को 500 से रुपए से लेकर 4,000 रुपये मे सुधार कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर भी मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए अधिक सफर नहीं तय करना होगा। इसके साथ ही हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे।
NMC ने एक मेडिकल यूनिवर्सिटी के खिलाफ चेतावनी जारी की है। NMC ने बताया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी को मान्यता नहीं दी गई है। मेडिकल यूनिवर्सिटी लोगों को गुमराह कर रही है।
यूपी के सरकारी में मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर्स की काफी कमी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज का क्या हाल है इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां करीब 30 फीसदी रिक्तियां हैं यानी भारी तदाद में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की कमी है।
अब MBBS हिंग्लिश में पढ़ाई जाएगी। इसकी शुरूआत मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज में कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज में MBBS छात्रों के नए बैच की क्लासेस और ओरिएंटेशन में लेक्चर 'हिंग्लिश' में दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को केंद्र से एक हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा था कि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे मेडिकल छात्रों की संख्या कितनी है, जिन्हें दूसरे देशों में ठहराया गया है।
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