अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में बृहस्पतिवार को 5,18,437 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाए गये हैं।
आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 17 नये मामले सामने आये, जिनमें उदयपुर में आठ, जयपुर में तीन मामले शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, इस घातक संक्रमण से राज्य में अब तक 8953 लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण से तीन और मरीजों की मौत हो गई और इस महामारी के एक दिन में 67 नये मामले सामने आये जबकि संक्रमण की दर 0.09 प्रतिशत थी। दिल्ली सरकार द्वारा बुधवार को जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा संचालित अस्पताल अब म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों को भी नकदरहित स्वास्थ्य योजना के तहत सर्जरी के लिए निजी अस्पतालों में भेज सकते हैं। ऑपरेशन की आवंटित तारीख सात दिनों से अधिक होने पर इस पर अमल किया जा सकेगा।
मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 20 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 8,806 हो गयी है।
झारखंड सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।
आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्लैक फंगस का खतरा सबसे ज्यादा किन लोगों को है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 184 नये मामले सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 343793 हो गयी जबकि संक्रमण से चार और व्यक्तियों की मौत के साथ पिछले साल शुरू हुई कोरोना महामारी में मृतकों की संख्या 5089 हो गयी।
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान नौ और लोगों की मौत हो जाने से इससे मरने वालों की संख्या मंगलवार को 9514 हो गई। वहीं 410 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 7,17,949 हो गयी।
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 36 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 8,441 हो गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी के 453 नए मामले सामने आए।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बताया कि बुधवार तक राष्ट्रीय राजधानी में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के 1,044 मामले आए हैं जबकि इस संक्रमण से 89 लोगों की मौत हुई है।
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 991 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,82,099 तक पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 45 और मरीजों की मौत हो गई।
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,854 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,75,709 तक पहुंच गयी।
राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शहर में इस जानलेवा संक्रमण के रोकथाम के लिए महामारी कानून के तहत नियम बनाए हैं। सरकार ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी की है।
गुजरात के चार बड़े शहरों के सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 से उबरने के बाद ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए 1100 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है। एक सरकारी विज्ञप्ति में शुक्रवार को बताया गया कि राज्य सरकार ने म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी घोषित कर दिया है।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के लगभग 700 मामले सामने आए हैं और राज्य सरकार ने इस बीमारी को महामारी घोषित करने के लिये अधिसूचित भी कर दिया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है और कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने कई मरीजों की जान ले ली है। दिल्ली में विशेष रूप से ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि साफ-सुथरे मास्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो यह समस्या हो सकती है।
दिल्ली में एक दिन में कोविड-19 के 3,231 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 233 और लोगों की मौत के बाद शहर में इससे जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 22,579 हो गई।
आंध्र प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 21,000 से अधिक मामले सामने आये जबकि लगभग इतने ही मरीज संक्रमण मुक्त हुये । प्रदेश में मंगलवार को महामारी के कारण 98 लोगों की मौत हो गयी।
मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के 120 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं लेकिन इनके इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों के कथित रूप से बाजार में उपलब्ध नहीं होने के चलते तीमारदारों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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