दिल्ली विश्वविद्यालय के चार छात्रों से मुखर्जी नगर के एक कैफे के बांउसरों ने कथित तौर पर मार-पीट की।
दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में एक सिख वाहन चालक की पिटाई के मामले में दिल्ली पुलिस के दो कर्मियों को ‘‘गैरपेशेवर रवैया’’ अपनाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय को पुलिस ने मंगलवार को अवगत कराया कि पिछले महीने मुखर्जी नगर में एक टैंपो ड्राइवर और उसके नाबालिग बेटे से मारपीट के मामले में संलिप्त उसके 10 कर्मियों का तबादला किया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कैसे उन पांच पुलिसवालों के एक्शन को जस्टिफाई कर सकते है जो अपने पिता को बचा रहे एक नाबालिग बेटे को पीट रहे हैं?
न्यायमूर्ति जयंत नाथ और न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की पीठ ने कहा, ‘‘यह पुलिस की बर्बरता का उदाहरण नहीं है, तो क्या है?’’ इस मामले की स्वतंत्र सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, आप सरकार और दिल्ली पुलिस को अपना रुख बताने के लिए नोटिस जारी करते हुए पीठ ने यह टिप्पणी की।
मुखर्जी नगर मामले में दिल्ली पुलिस ने होम मिनिस्ट्री को रिपोर्ट सौंपी है, इससे रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से बताया है।
मुखर्जी नगर में एक बार फिर तनाब बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मुखर्जी नगर थाने के बाहर बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग सड़कों पर जमा हो गए हैं।
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