सऊदी अरब ने घातक निपाह वायरस के प्रकोप के मद्देनजर केरल के फ्रोजेन एवं संसाधित फलों और सब्जियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कुट्टीयाडी से विधायक पी अब्दुल्लाह विधानसभा में मास्क और दस्ताने पहनकर दाखिल हुए और उन्हें विपक्षी सदस्यों से अभिवादन करते देखा गया...
शांताबेन जब केवल 30 साल की थीं तक अचानक उनके पति कांजीभाई की बिजली गिरने से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद बहुत ही बुरे दिन का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी मज़दूरी करके शांताबेन ने अपनी तीन बेटियों की शादी की और अपने बेटे को क़ाबिल बनाया और अब उनका बेटा अब मुंबई में रहता है।
बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने एडवायजरी जारी कर लोगों को चमगादड़ों और सुअरों को निपाह के वायरस का वाहक मानते हुए उनसे दूर रहने की सलाह दी हैं तथा ऐसे क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है, जहां ये अत्यधिक पाए जाते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बाकायदा एडवायजरी जारी कर सभी जिला प्रशासन के साथ-साथ अस्पतालों को भी अलर्ट रहने के लिए कह दिया है।
सरकारी स्वास्थ विभागों में भी इस खतरनाक वायरस के कारण अलर्ट जारी कर दिया गया है। माना जा रहा है कि यह वायरस कुछ फलों के द्वारा मनुष्यों तक पहुंचा है। जिन्हें चमगादड़ ने खाया है। जानिए ऐसे कौन से फल है। जिनका सेवन करना खतरनाक साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से आग्रह किया है कि वे घबराएं नहीं। मंत्रालय ने कहा है कि निपाह विषाणु का फैलना केरल तक सीमित है...
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के स्वास्थ्य एवं रोकथाम मंत्रालय (MOHAP) ने लोगों को केरल की अनावश्यक यात्रा नहीं करने की सलाह दी है...
मूसा के परिवार में यह चौथी मौत है। इससे पहले मूसा के बेटों मोहम्मद सलेह (28), मोहम्मद सादिक (26) और उनकी रिश्तेदार मरिअम्मा की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने एक परामर्श भी जारी कर राज्य की यात्रा करने वाले सभी लोगों से चार जिलों- कोझिकोड , मलप्पुरम , वायनाड और कन्नूर-की यात्रा से बचने का अनुरोध किया है।
केरल में निपाह वायरस से 10 लोगों की मौत के मद्देनजर राज्य सरकार ने लोगों से राज्य के चार उत्तरी जिलों - कोझिकोड, मलप्पुरम, वयनाड और कन्नूर में जाने से बचने को कहा है।
निपाह वायरस (एनआईवी) की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के कैम्पंग सुंगई निपाह में एक बीमारी फैलने के दौरान हुई थी। यह चमगादड़ों से फैलता है और इससे जानवर और इंसान दोनों ही प्रभावित होते हैं। जानिएआप कैसे कर सकते है बचाव
जहां एक तरफ इस वायरस के चलते लोगों में दहशत का माहौल है तो वहीं इस वायरस के चपेट में आए लोगों के इलाज करते करते अपने प्राणों का आहुती देने वाली नर्स लिनी पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गई हैं।
स बीमारी के फैलने के साथ ही हमें एक और लड़ाई के लिए तैयार रहना है। यह एक प्रकार के चमगादड़ से फैलती है। संक्रमित जीवों के साथ सीधे संपर्क से बचने के अलावा, जमीन पर गिरे फलों का उपभोग करने से बचना जरूरी है।
यह वायरस इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। यह पहली बार 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई में फैला था। जानिए इसके लक्षण, कारण और कैसे करें बचाव...
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