सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चीनी मिलों ने चीनी वर्ष 2019- 20 के लिये तय किये गये 60 लाख टन चीनी निर्यात के अनिवार्य कोटा के समक्ष अब तक 57 लाख टन चीनी का निर्यात किया है।
इस्मा ने एक बयान में कहा कि विश्व में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत लगभग 22.5 किलो है, लेकिन भारत में केवल लगभग 19 किलोग्राम चीनी की खपत होती है। वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सर्वेक्षण के मुताबिक भारत के महानगरों में एक व्यक्ति रोजाना 19.5 ग्राम चीनी का सेवन करता है जो आईसीएमआर द्वारा अनुशंसित मात्रा 30 ग्राम से कम है।
भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया है, लेकिन गन्ना किसानों का बकाया अभी भी मिलों पर 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है
भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में करीब 56 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, जोकि अब तक के निर्यात का रिकॉर्ड स्तर है और उद्योग को 60 लाख टन निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद थी।
होटल, रेस्टोरेंट बंद होने से चालू सत्र में चीनी की औद्योगिक मांग 8-9 प्रतिशत कम रहने का अनुमान
अब तक भारत रिकॉर्ड 52 लाख टन के निर्यात सौदे कर चुका है
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया करीब 20,000 करोड़ रुपये
लॉकडाउन में ढील के बाद चीनी की मांग सामान्य होने के संकेत
चीनी निर्यातक संगठनों का अनुमान है कि इस साल निर्यात रिकॉर्ड 55 लाख टन संभव
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के बरबर क्षेत्र में एक कप चाय को लेकर 40 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी गर्भवती पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी।
मई में छूट बढ़ने के साथ चीनी की मांग बढ़ने के संकेत
ISMA के मुताबिक गिरावट से पहले के 5 महीनों में चीनी बिक्री में बढ़त का रुख था
महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन करीब 45 प्रतिशत घटा
संगठन ने बयान में कहा है कि पहले से अधिक मात्रा में बी-हेवी मलैसज (शीरा) और गन्ना रस को एथेनॉल के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने से भी चीनी का उत्पादन पिछले साल से कम रहने का अनुमान है।
सरकार ने अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) योजना के तहत 2019-20 के मौजूदा विपणन वर्ष के लिए 6,50,000 टन चीनी कोटा का नए सिरे से आवंटन किया है।
पाकिस्तान की जनता के जीवन में खुशहाली लाने का वादा करके सत्ता में आए प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों काफी टेंशन में हैं।
इस्मा को उम्मीद है कि चालू सत्र में चीनी मिलों द्वारा चीनी की बिक्री 260 लाख टन के आसपास होगी।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 प्रतिशत अधिक है।
देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत पिछड़ गया है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि मिलों को गन्ने के शीरे से अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह प्रदूषणकारी नहीं है।
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